Lucknow-Kanpur highway: इस वर्ष मानसून की विदाई के साथ ही, अगली बरसात में लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर यात्रियों को एक नई सड़क का तोहफा मिलेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय वर्तमान दो घंटे से घटकर 45 मिनट रह जाएगा.
सड़क निर्माण में कार्बन क्रेडिट भी किया जा रहा है जमा
लखनऊ में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कम से कम 65% काम पूरा हो चुका है और हर रोज़ हम 3डी ऑटोमेटिक मशीन गाइडेड (एएमजी) तकनीक के इस्तेमाल से ईंधन बचाकर कार्बन क्रेडिट जमा कर रहे हैं, जिसे भारत में पहली बार सड़क पर लागू किया जा रहा है. हमें उम्मीद है कि मई-जून 2025 तक सड़क उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी.”
मानसून के बाद काम पकड़ेगा रफ्तार
उन्होंने कहा कि मानसून खत्म होने के साथ ही श्रमिकों को चौबीसों घंटे काम करने की अनुमति दे दी गई है और आने वाले हफ्तों में वे और अधिक गति पकड़ लेंगे.
लखनऊ रिंग रोड को कानपुर रिंग रोड से जोड़ेगा Lucknow-Kanpur highway
56 किलोमीटर लंबा यह मार्ग, जिसमें 11.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड और 45 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे शामिल है, 3डी एजीएम तकनीक का उपयोग करने वाला भारत का पहला मार्ग है और यह लखनऊ रिंग रोड को कानपुर रिंग रोड से जोड़ेगा.
यह पूरा मार्ग एक्सेस कंट्रोल्ड होगा, जिसका मतलब है कि एनएचएआई द्वारा दिए गए तीन प्रवेश/निकास बिंदुओं के अलावा कोई भी व्यक्ति राजमार्ग में प्रवेश नहीं कर सकता.
अधिकारी ने बताया कितनी चिकनी होगी सड़क
अधिकारी ने कहा, “सड़क इतनी चिकनी होगी कि कार में रखी आपकी कॉफी नहीं गिरेगी.” राजमार्ग निर्माण की प्रगति के बारे में आंकड़े साझा करते हुए अधिकारी ने कहा कि कुल 2300 गर्डर रखे जाने हैं और 1900 रखे जा चुके हैं. अधिकारी ने कहा, “नई तकनीक के इस्तेमाल से पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय में भी बचत हुई है.”