गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला Farooq Abdullah जम्मू-कश्मीर के कटरा में एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने नज़र आए. फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान श्रद्धालुओं के साथ हिंदी में भजन भी गाए.
यह कार्यक्रम माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा के बेस कैंप में आयोजित किया जा रहा था जहां उन्हें ‘तूने मुझे बुलाया शेरावालिये’ भजन गाते देखा गया.
#WATCH | Katra | National Conference leader Farooq Abdullah was seen singing the bhajan ‘Tune Mujhe Bulaya Sherawaliye’ in Katra (23.01) pic.twitter.com/LaRwlHH2rR
— ANI (@ANI) January 24, 2025
लाल दुपट्टा पहने नज़र आए Farooq Abdullah
87 वर्षीय नेता बेस कैंप के आश्रम के अंदर बैठे थे, तभी भजन गाने वाले व्यक्ति ने उन्हें माइक दिया. जब व्यक्ति ने भजन का “तूने मुझे बुलाया शेरा वालिए” वाला हिस्सा गाया, तो एनसी प्रमुख ने तुरंत “मैं आया, मैं आया शेरां वालिए” गा कर उस हिस्सा को पूरा किया. उन्होंने पारंपरिक लाल रंग का दुपट्टा भी पहना था जिसे अक्सर वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों के साथ जुड़ कर देखा जाता है.
फारूक अब्दुल्ला ने कटरा रोपवे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया
फारूक अब्दुल्ला ने कटरा निवासियों को अपना समर्थन दिया जो शहर में रोपवे परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को कार्यक्रम में बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वैष्णो देवी मंदिर का प्रबंधन करने वालों को शहर के निवासियों के लिए मुश्किलें पैदा करने से बचना चाहिए.
उन्होंने कहा, “मंदिर के संचालन का प्रबंधन करने वालों को ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए जो स्थानीय आबादी को नुकसान पहुंचाती हैं या उनके लिए मुश्किलें पैदा करती हैं.” उन्होंने स्थानीय लोगों की सराहना की जिन्होंने ‘बहादुरी’ से लड़ाई लड़ी.
एलजी पर किया सीधा हमला
अब्दुल्ला ने रोपवे के निर्माण की भी आलोचना की और कहा कि परियोजना शहर के हितों को ध्यान में रखे बिना शुरू की गई थी. उन्होंने एलजी का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, “अब वे समझ गए हैं कि सत्ता लोगों के पास है, सरकार के पास नहीं.”
उन्होंने कहा, “इन पहाड़ियों में रहने वाले लोग अपनी आजीविका के लिए माता के आशीर्वाद पर निर्भर हैं. लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया है. सत्ता में बैठे लोग मानते हैं कि वे अजेय हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. जब दैवीय शक्ति प्रबल होती है, तो बाकी सब कुछ कम हो जाता है. कैलिफोर्निया में क्या हो रहा है, इसे देखिए.” उन्होंने कहा कि हर धर्म की मूल शिक्षाएं एक जैसी हैं, हालांकि, इसका फायदा स्वार्थी लोग उठाते हैं.
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