Jharkhand High Court , रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने 1 जुलाई से देश मे लागू हुए तीन आपराधिक कानून की प्रकाशित किताब के प्रकाशक (पब्लिशर) पर स्वतह संज्ञान लिया है. अदालत ने कानून की किताब में एक स्थान पर गलती पकड़ी है, जिसका असर कानून की व्याख्या पर पड़ सकता है.
Jharkhand High Court ने लिया स्वतह संज्ञान
झारखंड हाईकोर्ट ने यूनिवर्सल लेक्सिसनेक्सिस (Universal LexisNexis) के द्वारा प्रकाशित पुस्तक भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में एक बड़ी गलती पकड़ी है और उसपर स्वतःसंज्ञान भी लिया है.कोर्ट ने धारा 103(2) में एक टाइपिंग की गलती पकड़ी है जिसमें,’किसी अन्य समान आधार’ की जगह पर ‘किसी अन्य आधार’ लिखा हुआ है. कोर्ट के मुताबिक, इस गलती से कानून की व्याख्या और उसके प्रयोग पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
जस्टिस सुभाष चंद और आनंद सेन की पीठ ने लिया संज्ञान
झारखंड हाईकोर्ट जस्टिस सुभाष चंद और आनंद सेन की पीठ ने ऐसी खामियों के प्रभाव पर रौशनी डालते हुए कहा कि ‘चूंकि ये 3 कानून पूरी तरह से बदल गये हैं, इसलिए कई प्रकाशक बेयर एक्ट एवं क्रिमिनल मैनुअल को प्रकाशित करने केलिए सामने आये हैं. बाजार में कई प्रकाशक हैं और इन वर्तमान में इन बेयर एक्ट की भारी मांग है.’ हलांकि प्रकाशकों ने भी इन बेयर एक्ट को बहुत बड़ी संख्या में प्रकाशित किया है और इसे वकील, न्यायालय, पुस्तकालय, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य संस्थानों के साथ साथ बड़ी संख्या में आम लोग भी खरीद रहे हैं.
कानून की किताब में छोटी सी गलती का हो सकता है बड़ा असर
अदालत ने कहा कि ये बेयर एक्ट बहुत लोगों के पास जा रहा है इसलिए इन कानूनों के प्रकाशन में किसी भी तरह की कमी या गलती नहीं होनी चाहिए. किसी भी जगह की छोटी सी गलती कानून की व्याख्या और उनके प्रयोग पर काफी बड़ा असर डाल सकती है. एक छोटी सी टाइपो ग्राफिकल गलती की वजह से ये संबंधितों लोगों के लिए अन्याय और कभी कभी शर्मिंदगी का कारण भी बन सकती है, यहां तक कि वकीलों और कोर्ट के लिए भी ये स्थिति हो सकती है.
यूनिवर्सल लेक्सिसनेक्सिस द्वारा प्रकाशित कानून की किताब भारतीय न्याय संहिता 2023 की जांच करते समय कोर्ट ने देखा कि धारा 103(2) में ‘समान’ शब्द नहीं लिखा है, जिसके कारण इस पूरे प्रावधान की व्याख्या बदल दी गई है.
झारखंड हाई कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023, भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 और भारतीय साक्ष्य संहिता (BSA) 2023 सहित नए कानूनों के महत्व पर प्रकाश डाला. नये कानून ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973, भारतीय दंड संहिता 1860 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ली है. ये कानून 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू हो गये हैं अदालत ने शब्दों की सटीकता पर जोर दिया .
झारखंड हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब तक यूनिवर्सल लेक्सिसनेक्सिस के द्वारा प्रकाशित किताबे भारतीय न्याय संहिता (BNS) से संबंधित बेयर एक्ट और क्रिमिनल मैनुअल जो अभी तक नहीं बिकी हैं और विक्रेताओं या वितरकों के पास हैं, उन्हें बिना सुधार आगे ना बेचा जाये.सुधार के बाद ही पुस्तकों को बेचा जाये.