शिमला हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के बाद हालात खराब हो गये हैं. मोटा मोटी अनुमान है कि बाढ़ (HimachalFlood) के कारण हुई तबाही से कम से कम 4 हजार करोड का नुकसान हुआ है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) का कहना है कि ये आंकड़ा 8 हजार करोड़ के पार जा सकता है.सीएम सुक्खू ने आज शिमला में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि बीते 50 साल में ऐसी आपदा (HimachalFlood) नहीं देखी .
#WATCH | We have rescued 67,000 tourists out of 75,000 tourists. 90% of the tourists have been rescued. The remaining tourists are stranded in Kasol and Tirthan Valley and all are safe, says Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu pic.twitter.com/79LrhD28g2
— ANI (@ANI) July 14, 2023
सरकार ने बनाया आपदा राहत कोष
प्रेस कांफ्रेस के दौरान सीएम ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर जो संभव है वो कर रही है. सरकार प्रभावी कदम उठा रही है लेकिन राज्य को लोगों के मदद की जरुरत है. इसके लिए सरकार ने आपदा राहत कोष बनाया है. दो बैंको में राज्य सरकार ने खाता खोला है. लोग उसमें मदद भेज सकते हैं.
कांग्रेस के विधायक एक महीने की सैलरी कोष में देंगे
सीएम सुक्खू ने बताया कि राज्य के सभी 40 कांग्रेसी विधायक अपने एक माह की सैलरी राहत कोष में देंगे.सरकार ने बताया कि आईएएस एसोसियेशन और एचएसएचसी ने एक दिन का वेतन पहले सही इस कोष को दे दिया है.सुक्खू सरकार ने बीजेपी के विधायकों से भी मदद करने की अपील की है.
केंद्र से नहीं मिली कोई मदद -सुखविंदर सिंह सूक्खू, सीएम
सीएम ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि राज्य के सभी मंत्रियों और विधायकों ने बेहतरीन का किया है. आपदा के समय में लोगों की मदद की. 60 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 67 हजार लोगों को निकाला गया. बाकी बचे 10 हजार लोगों को भी निकाल कर जल्द ही उनके गंतव्य तक भेज दिया जायेगा. सुक्खू ने कहा कि पहले से ही कर्ज मे डूबा प्रदेश और खस्ताहाल हो गया है.केंद्र सरकार ने भी आर्थिक मदद देने की बात कही, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आर्थिक मदद देन का वादा किया लेकिन अब तक केंद्र की तरफ से कई मदद नहीं मिली है. हमने केंद्र सरकार से इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.
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कर्ज तले डूबे हिमाचल ने केंद्र से मांगे अपने 315 करोड़
हिमाचल सरकार ने केंद्र से 2000 करोड़ की अंतरिम राहत की मांग की है.सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले से 75 हजार करोड़ के कर्ज के तले दबी है.बाढ़ में राहत और बचाव के काम के लिए एक हजार 100 करोड़ रुपया जारी कर चुकी है.इसमें लोक निर्माण विभाग को 610 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 218 करोड़ की राशि जारी की गई है. 180 करोड़ रुपये स्टेट डिजास्टर फंड को दिये गये हैं. सुक्कू ने कहा कि राज्य सरकार फिलहाल अपने ही फंड से राहत कार्य कर रही है लेकिन उन्हें और अधिक पैसों की जरुरत है. इसलिए केंद्र सरकार से मांग की है कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर 315 करोड़ रुपये की लंबित राशि भी राज्य को दी जाये.