Sheikh Hasina’s extradition request : नई दिल्ली : बंगलादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शोख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बंगलादेश उच्चायोग ने भारत सरकार को एक नोट वर्बल भेजा है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने सोमवार को इसकी पुष्टि की, हालांकि भारत की इस पर क्या प्रतिक्रिया है ,इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.
“We confirm that we have received Note Verbale from Bangladesh”: MEA on Sheikh Hasina’s extradition request
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— ANI Digital (@ani_digital) December 23, 2024
Sheikh Hasina के प्रत्यर्पण के लिए बंग्लादेश ने भेजी रिक्वेस्ट
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “हम पुष्टि करते हैं कि हमें प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में बांग्लादेश उच्चायोग से एक नोट वर्बल मिला है.
बंगालदेश ने आधिकारिक तौर पर भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने का अनुरोध किया. शेख हसीना 5 अगस्त को छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत शरण लेने आ गई थी.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार, तौहीद हुसैन ने कहा कि यह अनुरोध भारत सरकार को “नोट वर्बल” के माध्यम से किया गया था.
तौहीद हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, “हमने शेख हसीना को वापस भेजने का अनुरोध करते हुए भारत को एक नोट वर्बल भेजा है.”
5 अगस्त को, छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन ने कई हफ़्तों तक चले विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया, जिसमें 600 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. 76 वर्षीय हसीना भारत आ गईं और बंगलादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाई गई.
शेख हसीना ने 9 दिसंबर को कहा था कि बांग्लादेश में हुए आंदोलन के पीछे अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस “मास्टरमाइंड” हैं. मुहम्मद यूनुस के साजिशो के कारण ही उन्हें पद से हटाया गया. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह विरोध प्रदर्शन उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए “सुनियोजित तरीके से” किया गया था.
यूनाइटेड किंगडम अवामी लीग की एक वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए, हसीना ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों की सभी माँगें पूरी होने के बावजूद, पूरे देश में अशांति जारी रही, जिससे पता चलता है कि यह एक सुनियोजित साज़िश थी।
हसीना ने यूनुस पर उन विरोध प्रदर्शनों के पीछे “मास्टरमाइंड” होने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्हें पद से हटाया गया, उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए “सुनियोजित तरीके से” किए गए थे।
हसीना ने दावा किया, “यूनुस ने खुद कहा कि 7 जुलाई, 2024 को शुरू हुआ छात्र विरोध छात्रों द्वारा शुरू नहीं किया गया था, बल्कि मुझे उखाड़ फेंकने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया विरोध था…वह इस साजिश की शुरुआत करने वाला मास्टरमाइंड था, क्योंकि सभी मांगें मान ली गई थीं और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होने के बावजूद विरोध की कोई गुंजाइश नहीं थी…यह एक सावधानीपूर्वक साजिश थी।” उन्होंने देश में स्थिति से निपटने के लिए अंतरिम सरकार की आलोचना की, इसे “फासीवादी” कहा और कहा कि बांग्लादेश के लोगों को उनके अधिकारों से “वंचित” किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “आज बांग्लादेश कठिन समय से गुजर रहा है। एक फासीवादी सरकार के तहत, बांग्लादेश के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है। पूरा बांग्लादेश जल रहा है…आज, बांग्लादेश को नष्ट किया जा रहा है।” अपदस्थ प्रधानमंत्री ने हाल ही में बांग्लादेशी सरकार द्वारा देशद्रोह के कथित आरोपों में पूर्व इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया कि दास को आरोपों के विरुद्ध बचाव करने के लिए उनके पास कोई वकील नहीं हो सकता है और दावा किया कि यह इस बात का सबूत है कि बांग्लादेश में कोई कानून और व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा, “उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया और कहा कि उनके बचाव के लिए कोई वकील नहीं हो सकता। यह किस तरह का न्याय है?…इससे साबित होता है कि बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था नहीं है।”
बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, हसीना ने स्थिति से निपटने के लिए अंतरिम सरकार की आलोचना की है, इसे “फासीवादी” कहा है और दावा किया है कि बांग्लादेश के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रहा है, जिसमें कई लोग हसीना के संभावित प्रत्यर्पण के नि