बक्सर में बनने वाली भगवान श्री राम की विशाल मूर्ति के मॉडल का डिस्प्ले जिला प्रशासन और केंद्रीय मंत्री के सामने किया गया. जिला प्रशासन के साथ केंद्रीय मंत्री ने रामरेखा घाट के आसपास के इलाकों का दौरा कर ऐतिहासिक श्री राम रेखा गंगा घाट पर स्थल का चयन किया. जिसके बाद राष्ट्रीय संत रामभद्राचार्य ने 2024 से पहले प्रतिमा अनावरण की घोषणा की है.
बैठक में क्या क्या हुआ?
बता दें केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन में नवंबर 2022 में आयोजित सनातन संस्कृति समागम में घोषित भगवान श्री राम की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति को लेकर सर्किट हाउस में जिला प्रशासन, श्रीराम कर्मभूमि न्यास एवं मूर्ति स्थापना के विशेषज्ञों के साथ मैराथन बैठक हुई.
महाराष्ट्र के रहने वाले सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अनिल राम सुतार ने भगवान श्री राम के विशाल की मूर्ति के मॉडल का डिस्प्ले किया. बता दें कि कुछ दिन पहले बक्सर के प्रमुख धार्मिक स्थान का ड्रोन के ज़रिये जियो लॉजिकल मैपिंग सर्वे किया गया था. इसका पूरा प्रेजेंटेशन बैठक में पेश किया गया.
जिसमें तेलंगाना से आए जियोलॉजिकल मैपिंग विशेषज्ञ जे एस रेड्डी ने अपनी रिपोर्ट प्रेजेंटेशन के जरिये पेश की. उन्होंने बताया कि रामरेखा घाट के आसपास पर्यटन के मध्यनज़र काफी संभावनाएं हैं. भगवान श्री राम की प्रारंभिक स्वरूप में मूर्ति रामरेखा घाट के आस-पास लग सके, इसे प्रेजेंटेशन के ज़रिये पेश किया गया। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि तीन मंजिला इमारत के ऊपर भगवान की मूर्ति पराक्रम रूप में दिखाई जायेगी. इस प्रेजेंटेशन को सभी ने पसंद किया. इसके अलावा लाइट एंड साउंड वाली जगह को डिवेलप कर वहां पर मूर्ति स्थापना को लेकर जिला प्रशासन के साथ प्रारंभिक चर्चा हुई.
सभी विशेषज्ञों, जिला प्रशासन के साथ केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने रामरेखा घाट के आसपास के क्षेत्र का अवलोकन किया. मालूम हो कि केंद्रीय मंत्री श्री चौबे के प्रयास से लाइट एंड साउंड वाली जगह को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से डिवेलप करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. विशेषज्ञों की टीम ने रामायण सेंटर, और भगवान श्री राम के बाल लीला से जुड़ी हुई सभी बिंदुओं पर फोकस कर प्रजेंटेशन को तैयार है. इसमें महर्षि विश्वामित्र एवं यज्ञ स्थली को भी बेहतर ढंग से प्रेजेंटेशन के ज़रिये उनके किए गए महान कार्यों को दिखाया गया. उसे भी इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. ताकि महर्षि विश्वामित्र भगवान श्री राम एवं अन्य ऋषि-मुनियों तथा भगवान के पहले मनुज वामन अवतार का विराट स्वरूप जनता के सामने प्रस्तुत किया जा सके.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी रखी राय
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने मीडिया से बात करते हुए राम मूर्ति के बारे में बात करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति समागम में जो घोषणा की गई थी. उसके तहत लगातार कार्य जारी है. इस कड़ी में आज सभी पक्षों की बैठक हुई है. इसमें भगवान श्री राम के पराक्रमी मूर्ति के मॉडल का डिस्प्ले भी किया गया है. जिसके साथ साथ अन्य संभावनाओं पर भी चर्चा हुई है. साथ साथ बक्सर गंगा किनारे के घाटों के सुंदरीकरण के साथ, एक बेहतर कॉरिडोर का निर्माण हो सके. जिससे रोजगार के साथ-साथ धार्मिक, आध्यात्मिक एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से यह पूरा इलाका विकसित हो सके इस पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई है.
कौन कौन रहा बैठक में मोजुद!
बैठक में समीर सुतार, जी एस रेड्डी, जियो लॉजिकल मैपिंग, रंजीत, शिवकुमार मूर्तिकार, श्रीराम कर्मभूमि न्यास के अध्यक्ष श्री कृष्णकांत ओझा, रामबालक, अर्जित शाश्वत, धनंजय चौबे, प्रदीप राय, अरुण मिश्रा, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल स्वामी, भोला सिंह डीडीसी, एसडीएम व जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी आदि मौजूद थे.