नई दिल्ली देश इस समय लोकसभा चुनाव 2024 के मुहाने पर खड़ा है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने भी इसकी तैयारियां शुरु कर दी हैं. इस सिलसिले में आज केंद्रीय चुनाव आयोग ने रैलियों,चुनाव प्रचार और चुनावी पोस्टर्स को लेकर सख्त दिशा निर्देश जारी किये हैं. Election Commission ने राजनीतिक पार्टियों को सख्त गाइडलाइन जारी करते हुए ताकीद किया है कि आने वाले आमचुनाव में पोस्टर चिपकाते, पर्ची बंटते या पार्टी के पोस्टर बैनर लिये बच्चे या नाबालिग नहीं दिखने चाहिये.
Election Commission of India has issued strict directives regarding use of children in any election-related activities. Political parties have been advised not to use children in election campaigns in any form whatsoever including distribution of posters/pamphlets or to… pic.twitter.com/aEiFWwzZpE
— ANI (@ANI) February 5, 2024
Election Commission ने चुनाव प्रचार में बच्चों के शामिल होना पर लगाई पांबदी
चुनाव आयोग ने आज अपने सख्त गाइडलाइन में कहा कि चुनाव अभियानों या चुनाव संबंधित कार्यो में नाबालिगों को शामिल करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने साफ किया कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी बच्चे का कविता पाठ करना, नारे या गीत गाना, बच्चों द्वारा राजनीतिक बयानबाजी के शब्दों को बोलना या किसी भी तरह के चुनाव संबंधी कामों में उन्हें शामिल किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
गाइडलाइन का पालन ना करने पर होगी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने प्रचार अभियान के तहत बच्चों को किसी भी तरह से शामिल किये जाने को बाल श्रम के अंतर्गत मानते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.आयोग ने इस संबंध में देश भर के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों ,रिटर्निंग पदाधिकारियों को कार्रावई करने का अधिकार दिया है. हलांकि चुनाव आयोग ने अपने गाइडलाइन के बारे में साफ करते हुए ये भी कहा है कि राजनीतिक परिवार या किसी राजनेता के बच्चे अगर अपने अभिभावक के साथ हों तो ये निर्देश उनपर लागू नहीं होता है.
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चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों से अपील
चुनाव आयोग ने इस मामले में राजनीतिक दलों से भी ये अपील की है कि वो खुद चुनाव प्रचार में बच्चों के आने को अनुमति ना दें. आयोग ने इस संबंध में बांबे हाइकोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि संशोधित अधिनियम 2016 का सभी दलों को अनुपालन करना चाहिये और उन्हें खुद ये सुनिश्तिच करने चाहिये कि बच्चे किसी चुनावी अभियान में एक श्रम के रुप में शामिल ना किये जाये.