Sunday, April 13, 2025

ईडी ने कांग्रेस से जुड़े National Herald case में ₹661 करोड़ की संपत्ति को कब्जे में लेने के लिए भेजा नोटिस

National Herald case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किए हैं, जिन्हें उसने कांग्रेस नियंत्रित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच में कुर्क किया था.
यह मामला नेशनल हेराल्ड केस के नाम से मशहूर है, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को आरोपी बनाया गया है.

ईडी ने बयान जारी कर दी नोटिस की जानकारी

संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने शुक्रवार को तीन स्थानों पर नोटिस चिपकाए हैं. ये हैं दिल्ली में आईटीओ पर स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित परिसर और लखनऊ में बिशेश्वर नाथ रोड पर स्थित एजेएल बिल्डिंग.
नोटिस में दिल्ली और लखनऊ परिसर खाली करने की मांग की गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि मुंबई की इमारत के लिए कंपनी के पास ईडी को किराया हस्तांतरित करने का विकल्प है. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की गई है, जो ईडी द्वारा कुर्क की गई और निर्णायक प्राधिकरण (पीएमएलए) द्वारा पुष्टि की गई संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया के बारे में बात करती है. इन अचल संपत्तियों को ईडी ने नवंबर 2023 में कुर्क किया था.

क्या है National Herald case

ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला एजेएल और उसकी होल्डिंग कंपनी यंग इंडियन के खिलाफ है. नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एजेएल द्वारा किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं.
ईडी ने आरोप लगाया, “यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल ₹18 करोड़ के फर्जी दान, ₹38 करोड़ के फर्जी अग्रिम किराए और ₹29 करोड़ के फर्जी विज्ञापनों के रूप में अपराध की आगे की आय अर्जित करने के लिए किया गया.”
यह मामला मूल रूप से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर किया गया था, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी दोनों पर ‘आपराधिक हेराफेरी’ का आरोप लगाया गया था. यह मामला तब दर्ज किया गया जब यंग इंडियन ने 2010 में एजेएल की ₹5,000 करोड़ से अधिक की सभी संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया था.

ये भी पढ़ें-राज्यपाल के बाद राष्ट्रपति के लिए भी आरक्षित विधेयकों पर निर्णय लेने की समय सीमा तय, 3 महीने में लेना होगा फैसला : Supreme Court

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news