मंगलवार को चुनाव आयोग ने एक रिमाइंडर लेटर (अनुस्मारक पत्र) जारी कर सभी राजनीतिक दलों को याद दिलाया है कि उन्हें कल (15 नवंबर) शाम 5 बजे तक चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले चंदे की पूरी जानकारी चुनाव आयोग में जमा करानी है.
चुनाव आयोग का ये अनुस्मारक पत्र 3 नवंबर के उस आदेश की याद दिलाते हुए जारी किया था जो उसने 2 नवंबर को चुनावी बॉन्ड मामले में सुनवाई के दौरान जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जारी किया था. आपको बता दें 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश की याद दिलाते हुए भारतीय चुनाव आयोग को 2018 से शुरु हुई चुनाव बॉन्ड योजना की राजनीतिक दलों को 30 सितंबर, 2023 तक भुगतान की गई राशी से जुड़ी सारी जानकारी 19 नवंबर तक सील बंद लिफाफे में जमा कराने को कहा था.
2019 में चुनाव आयोग से मांगी थी चुनावी बॉन्ड की जानकारी
2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अप्रैल 2019 के एक अंतरिम आदेश को दोहराते हुए चुनाव आयोग से कहा था कि वो 2018 से 2023 तक के सभी राजनीतिक दलों को हर ब़ॉन्ड और उसे जिस खाते में कैश किया गया उस खाते और राशी का पूरा विवरण कोर्ट में जमा करें.
इस ने इसी आदेश को आगे बढ़ाते हुए सबा राजनीतिक दलों से कहा था कि “दोहरे सीलबंद लिफाफे” में ईसीआई के चुनाव व्यय प्रभाग के सचिव बिनोद कुमार को चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी भेजे और उसे “गोपनीय-चुनावी बांड” के तौर पर स्पष्ट रुप से चिह्नित भी करें.
चुनावी बॉन्ड से किसको कितना मिला पैसा
एडीआर यानी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बांड के माध्यम से 2021-22 तक सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर 9,188 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया गया, जिसमें से अकेले बीजेपी को 57% से अधिक मिला, जबकि कांग्रेस को 10% मिला था. यानी 9,188 करोड़ में से बीजेपी को 5,272 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 952 करोड़ रुपये मिले थे. जबकि टीएमसी को 767 करोड़ रुपये, एनसीपी को 63 करोड़ रुपये और आप को 48 करोड़ रुपये मिले. जबकि 2017-18 में चुनावी बॉन्ड का 94.5 प्रतिशत हिस्सा बीजेपी का था.ये जानकारी खुद बीजेपी की ऑडिट और आयकर रिपोर्ट के माध्यम से चुनाव आयोग को दी गई थी.
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