गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में भूकंप Earthquake के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) पर पोस्ट किए गए डेटा में कहा गया है कि रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप था. राहत की बात ये है कि इसमें जान-माल के किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है. हलांकि भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत फैल गई और वे अपने घरों से बाहर निकल आए.
अफगानिस्तान में था Earthquake का एपिसेंटर
भूकंप के झटके शाम 4.19 बजे आया, जिसका केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में था.
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में 36.49 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 71.27 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 165 किलोमीटर की गहराई पर था. उन्होंने बताया कि अभी तक कश्मीर घाटी में किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
हलांकि भूकंप के झटकों के बाद कुछ जगहों पर लोग अपने घरों और कार्यस्थलों से बाहर निकल आए.
पहले भी भूकंप ने कश्मीर में तबाही मचाई है
8 अक्टूबर, 2005 को रिक्टर पैमाने पर 7.2 की तीव्रता वाले भूकंप ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों ओर 80,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का मुजफ्फराबाद शहर 2005 के भूकंप में नष्ट हो गया था. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के चिनाब घाटी क्षेत्र में डोडा, किश्तवाड़, रियासी और रामबन जिलों में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं.
ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि अतीत में कई बार घाटी में भूकंप के कारण बस्तियाँ पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. परंपरागत रूप से, कश्मीर में बनी मिट्टी की संरचनाएँ भूकंप से निपटने के लिए अधिक उपयुक्त थीं.
आधुनिक समय में, कश्मीर के ग्रामीण इलाकों में भी मिट्टी के घरों की जगह कंक्रीट-प्रबलित सीमेंट संरचनाओं ने ले ली है, जिससे ये भूकंप के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं.
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