Sheikh Hasina On Chinmoy Das Arrest: गुरुवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गिरफ़्तार हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें “अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ़्तार किया गया” और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. उन्होंने बांग्लादेश सरकार से उन धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की रक्षा करने को कहा, जिन्होंने अगस्त में उनके सत्ता से हटने के बाद से हिंसा का सामना किया है.
Sheikh Hasina On Chinmoy Das Arrest: एक्स पर लिखा पोस्ट
अवामी लीग ने हसीना का बयान एक्स पर पोस्ट किया, “सनातन धर्म समुदाय के एक शीर्ष नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. चटगांव में मंदिरों को जला दिया गया है. अतीत में, अहमदिया समुदाय के मस्जिदों, धार्मिक स्थलों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई. सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.”
उन्होंने कहा, “असंख्य अवामी लीग नेताओं, कार्यकर्ताओं, छात्रों, जनता और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्यों की हत्या के बाद, हमलों, मामलों और गिरफ्तारियों के माध्यम से उत्पीड़न जारी है. मैं इन अराजकतावादी कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करती हूं और उनका विरोध करती हूं.”
उन्होंने कहा, “चटगांव में एक वकील की हत्या कर दी गई, मैं इस हत्या का कड़ा विरोध करती हूं. इस हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द ढूंढकर सजा दी जानी चाहिए. इस घटना के जरिए मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया है. एक वकील अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करने गया था, और उसे इस तरह पीट-पीटकर मार डालने वाले आतंकवादी हैं. वे जो भी हों, उन्हें सजा मिलनी चाहिए.”
शेख हसीना ने लोगों से सरकार के खिलाफ एकजुट होने को कहा
उन्होंने कहा, “असंवैधानिक तरीके से सत्ता पर काबिज हुई यूनुस सरकार अगर इन आतंकवादियों को सजा नहीं दिला पाती है तो उसे भी मानवाधिकारों के उल्लंघन की सजा भुगतनी पड़ेगी. मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे इस तरह के आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट हों. आम लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है.”
शेख हसीना बांग्लादेश में सत्ता पलट के बाद से भारत में हैं
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कई सप्ताह तक व्यापक हिंसा के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश से भागने पर मजबूर होना पड़ा था. बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह एक सैन्य विमान में सवार होकर ढाका से नई दिल्ली भाग आई और शरण ली.
बांग्लादेशी अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस 8 अगस्त से देश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
क्यों हुई चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, जब मोहम्मद फिरोज खान नामक व्यक्ति ने उनके और 18 अन्य लोगों के खिलाफ अक्टूबर में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए मामला दर्ज कराया था.
बांग्लादेश ध्वज नियम, 1972 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर कोई अन्य झंडा नहीं फहराया जा सकता.