Thursday, November 7, 2024

फिलिस्तीन के समर्थन में उतरे दीपांकर भट्टाचार्य, ‘बेगुनाहों को मार रहा इजरायल’, भारत सरकार से रखी बड़ी मांग

इजरायल और हमास की जंग का असर अब पूरी दुनियां में दिखने लगा है. इजरायल के समर्थन में 80 देश खड़े हैं जबकि कई देश फिलिस्तीन के साथ हैं. पटना में भी फिलिस्तीन के समर्थन और इजरायल के विरोध में प्रदर्शन हुआ. फिलिस्तीन पर इजरायल द्वारा किए जा रहे हमले के विरोध में भाकपा माले और कई लेफ्ट पार्टियों ने प्रदर्शन किया.

लेफ्ट पार्टियों ने भारत सरकार से विदेश नीति के आधार पर फिलिस्तीन का समर्थन करने की मांग की. कहा कि विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. इसे किसी तरह रोका जाए. माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इजरायल पर हमास ने जो हमले किये उसकी हम निंदा करते हैं. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज सभी वामपंथी दलों का साक्षा प्रतिवाद सभा है. 7 अक्टूबर को हमास के द्वारा इजराइल पर जो हमले हुए थे उसके नाम पर अभी गाजा पर इजरायल ने युद्ध छेड़ दिया है. यह युद्ध ऐसा है कि जैसे लग रहा है कि पूरे गाजा को बर्बाद कर देना चाहते है. जिस तरह से बमबारी हो रही है बच्चे मर रहे है. स्कूलों पर बम गिराये जा रहे है. नाकेबंदी कर दी गयी है. वहां लोगों को बिजली, ईंधन और दवाईयां नहीं मिलेगी और ऊपर से अब उत्तरी गाजा से दस लाख लोगों को गाजा खाली कर नीचे जाने को कहा गया है. यह मसला सिर्फ अब लोकल मसला नहीं रह जाएगा यहां परमाणु युद्ध कभी भी हो सकता है. तीसरी विश्व युद्ध हो जाएगा.

दीपांकर ने कहा कि इसलिए इस समय गाजा और फिलिस्तीन में शांति बहाल करने के लिए आवाज बुलंद की जाए. इसका मिलिट्री सोल्यूशन ढूंढने के बजाय पोलिटिकल सोल्यूशन हो. डिप्लोमेटिक सोल्यूशन हो. पीएम मोदी से कहना चाहेंगे कि वे बार बार इजरायल जाते हैं यदि भारत की इजरायल के साथ है तो उस दोस्ती का परिणाम यह नहीं होना चाहिए कि हमारी दोस्ती की वजह से गाजा के बच्चे मर जाए. हमारी दोस्ती के चलते फिलिस्तीन के लोग को अपने ही देश में गुलाम ना बन जाए।इसलिए हमारी दोस्ती का मतलब यह निकले की इजरायल पर दबाव बने कि वहां युद्ध बंद हो शाति लौटे. अमेरिका और ब्रिटेन इजरायल के साथ खड़े हैं. हम ब्रिटेन के गुलाम थे हम खुद 200 साल अंग्रेजों के गुलाम रहे हैं.

दीपांकर ने कहा कि हम अंग्रेजों के साथ मिलकर इजरायल के पक्ष में बिल्कुल खड़े नहीं हो सकते. महात्मा गांधी के जमाने से जो हिन्दुस्तान की विदेश नीति रही है वो विदेश नीति रही है कि हम खुद गुलाम रहे हैं और इसिलिए दुनियां के किसी कोने में किसी के ऊपर गुलामी थोपी जाती है. तो उस गुलामी के खिलाफ हम आजादी के पक्ष में जिन्दगी के पक्ष में खड़े होते है. फिलिस्तीन के पीड़ित मानवता के हम पक्ष में है. इजरायल पर जो कुछ हुआ उसकी पूरी दुनिया ने भर्त्सना की लेकिन आज उसके नाम पर जो फिलिस्तीन पर थोपा जा रहा है. हम बिल्कुल उसमें खामोश नहीं रह सकते. हमारी पूरी हमदर्दी फिलिस्तीन के लोगों के साथ है. भारत की विदेश नीति फिलिस्तीन के पक्ष में काम करे. विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध का जो खतरा बन रहा है उससे दुनियां को बचाया जाए.

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