वाराणसी :वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी Gyanvapi परिसर स्थित ‘व्यास जी के तहखाने’ की चाबियों को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में सुनवाई करते हुए आदेश को 18 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया.जिला जज ए के विश्वेश के आदेश को 18 नवंबर के लिए मामला सुरक्षित रख लिया है.हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने अपने आपत्ति में कहा कि हिंदू पक्ष ने तहखाने से संबंधित कोई भी दस्तावेज या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है. इसलिए यह वाद सुनवाई योग्य नहीं है.
Gyanvapi में व्यास जी के तहखाना की हुई घेराबंदी
मदन मोहन यादव ने बताया कि अधिकारियों ने ‘व्यास जी का तहखाना’ की 1993 में घेराबंदी कर दी थी. इससे पूर्व, यह तहखाना पूजा-पाठ के लिए पुजारी सोमनाथ व्यास द्वारा उपयोग किया जाता था.यादव ने मुस्लिम पक्ष द्वारा तहखाने के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताते हुए कहा कि इसकी चाबी जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी जानी चाहिए.
अंजुमन इंतजामिया ने आदेश को दी चुनौती
ज्ञानवापी मामले में सुनवाई एक दिसंबर, 2023 तक के लिए टाल दी. इस मामले में वाराणसी की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद के स्थान पर मंदिर बहाल करने की मांग वाले मूल वाद को चुनौती दी है. आज जब इस मामले में मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर द्वारा सुनवाई शुरू की गई, तो अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से सुनवाई टालने का अनुरोध किया गया, जिस पर अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए एक दिसंबर, 2023 की तिथि नियत की. अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी है