नई दिल्ली (न्यूज डेस्क) आपराधिक कानूनों (Criminal-law) से जुड़े तीन विधेयक बुधवार (20 दिसंबर) लोकसभा में पास हो गए है. तीनों नए कानून में आतंकवाद, महिला विरोधी अपराध, देशद्रोह और मॉब लिंचिंग से संबधित नए प्रावधान पेश किए गए है, जिसे लोकसभा का समर्थन मिल गया है. अब इन विधेयकों को राजसभा में पेश किया जाएगा. जिसके बाद राष्ट्रपति की मुहर के बाद ये कानून की शक्ल लेंगे.
#WATCH | Home Minister @AmitShah tables three new criminal law bills in Lok Sabha.
He said the new criminal laws align with the spirit of the Constitution and have been brought keeping in mind the well-being of the people.
Full address: https://t.co/HrTGL0nEWI@MIB_India… pic.twitter.com/m2vZTG9Ld9
— DD News (@DDNewslive) December 20, 2023
गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया विधेयक
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 (Criminal-law)विधेयक पेश किया. अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों के समय का यह कानून अब नए भारत में मान्य नही होंगे. नए भारत भारत का अपना विधान है,इसलिए इन विधेयकों को पेश करने का मकसद कानून व्यवस्था को बेहतर बनाना है. नए विधेयकों को लेकर शाह ने कहा कि अब पुलिस की जवाबदेही भी तय होगी. इसके अलावे आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल किया जाएगा. इसके साथ साथ अपराधी के द्वारा आधी सजा काटने पर भी शर्तों के साथ रिहाई मिल सकती है.
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर नया प्रावधान
पहले रेप केस में सजा के लिए धारा 375 और 376 के प्रावधानों द्वारा कारवाई की जाती थी लेकिन नए प्रावधानों में धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है, इसमें गैंगरेप को भी रखा गया है. बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध को भी आगे लाया गया है. पहले मर्डर के लिए धारा 302 जिसे 101 कर दिया गया है.अब 18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है. उसके साथ साथ गैंगरेप के आरोपी को 20 साल तक की सजा या उम्रकैद की सजा होगी. इसके अलावा झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना भी अब अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसमें 18 साल से कम आयु की लड़की से दुष्कर्म के मामले में अपराधी को आजीवन कारावास या मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है.
Criminal-law में राजद्रोह का कानून खत्म
नए विधेयक में सरकार ने राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर दिया है. विधेयक में मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का प्रावधान किया गया है .इसके साथ अब आजीवन कारावास को 7 साल की सजा में बदला जा सकेगा.
आतंकवाद को लेकर नया प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता में आतंकवाद की व्याख्या की गई है और उसे दंडनीय अपराध बनाया गया है.
मॉब लिंचिग पर भी सख्त कानून
विधेयक में नस्ल, जाति और समुदाय के आधार पर की गई हत्या के लिए नया प्रावधान पेश किया गया है. इसमें मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर अपराधी के लिए आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक का प्रावधान शामिल है.
तीनों विधेयकों से क्या क्या बदलेगा ?
नए विधेयकों के चलते कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे. इसमें धराओं की संख्या, कोर्ट का फैसला, अपराधियों के लिए सजा की अवधि, कानून आदि शामिल है. वर्तमान में IPC में कुल 511 धाराएं हैं. नए विधेयकों के बाद सिर्फ 356 धाराएं बचेंगी, वहीं CrPC में 533 धाराएं रह जाएंगी. CRPC में कुल 160 धाराएं बदलेंगी. इसके साथ साथ अब पूछताछ से लेकर ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से किया जाएगा. फैसले के लिए भी समय निर्धारित किया गया है. जिसके बाद अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा. फिलहाल देश में देश में 5 करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग हैं. जिसमें 4.44 करोड़ केस तो सिर्फ ट्रायल कोर्ट में हैं.