शनिवार संसद में मणिपुर की स्थिति को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की. बैठक के बाद अमित शाह ने तो पत्रकारों से बात नहीं कि लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं ने बताया की बैठक में क्या हुआ.
कांग्रेस ने की तुरंत मुख्यमंत्री बदलने की मांग
कांग्रेस के नेता और 3 बार मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें सिर्फ 7 से 8 मिनट ही बोलने का मौका दिया गया. ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि जब उन्होंने पूछा की प्रधानमंत्री ने अबतक कुछ क्यों नहीं कहा तो उन्हें अपनी बात खत्म करने के लिए कहा. ओकराम इबोबी सिंह ने कहा जब उन्होंने अलग से समय मांगा तो अमित शाह ने कहा वो अलग से आकर मिले.
More than 50 days after the violence in Manipur started, the Home Ministry organised an all-party meeting today. I was nominated by the AICC.
I barely had 7-8 minutes to share my views. Manipur is my home state. I asked for additional five minutes to express my opinions, but it… pic.twitter.com/dK4DBJP4Uw
— Congress (@INCIndia) June 24, 2023
कांग्रेस नेता और मणिपुर के 3 बार के मुख्यमंत्री का हुआ अपमान-कांग्रेस
कांग्रेस दफ्तर में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा गृह मंत्री की बुलाई सर्वदलीय बैठक महज दिखावा और औपचारिकता थी. प्रमुख विपक्षी दल के रूप में, हमारे प्रतिनिधि मणिपुर के सबसे वरिष्ठ नेता, 3 बार निर्वाचित सीएम ओकराम इबोबी सिंह को मणिपुर के लोगों के दर्द और पीड़ा का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी गई. सर्वदलीय बैठक में वह मणिपुर से एकमात्र नेता थे और यह न केवल पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी का, बल्कि मणिपुर के लोगों का भी अपमान है कि उनके प्रतिनिधि को अपनी बात पूरी तरह से रखने की अनुमति नहीं दी गई.
बड़े अफसोस की बात है कि ओकराम इबोबी सिंह जी को 3 घंटे के समय में से सिर्फ 7 मिनट दिए गए।
इबोबी जी 15 साल तक मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे हैं। वे प्रमुख विपक्षी पार्टी की ओर से मीटिंग में मौजूद थे।
ये बड़े अफसोस की बात है और अपमानजनक भी है।
: @Jairam_Ramesh जी pic.twitter.com/hSHUBfLTID
— Congress (@INCIndia) June 24, 2023
कांग्रेस ने रखी केंद्र सरकार के सामने 8 मांगे
कांग्रेस ने मीडिया के सामने कहा कि उसके मणिपुर को लेकर कुछ मांग है. जैसे प्रधानमंत्री को अब अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. नंबर दो, सर्वदलीय बैठक मणिपुर में होनी चाहिए. तीसरी मांग है कि सभी आतंकी गुटों से हथियार वापस लेने चाहिए, चौथी मांग कांग्रेस ने कहा कि फौरन प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा ले. 11 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री ने SOO (जो केंद्र सरकार, राज्य सरकार और आतंकी संगठन के बीच समझौता है) को मानने से मना कर दिया. जिसके बाद गृहमंत्रालय ने मुख्यमंत्री के एलान का खंडन किया, पांचवी मांग है कि मणिपुर का नक्शा बदलना नहीं चाहिए. कांग्रेस ने कहा नक्शा बदलने की कोशिश नहीं होनी चाहिए जो हो वो संविधान के अधीन हो. छठी मांग है कि मणिपुर अनेता में एकता को दर्शाता है, वहां अलग अलग लोग है सभा को सुनिए और एक आम सहमति होनी चाहिए. मणिपुर के दोनों हाईवे को खुलवाना चाहिए. आठवीं मांग है कि विस्थापित 50 हज़ार लोगों को जो अभी तक मुआवजा दिया गया है वो नाकाफी है. इसलिए सही अनुमान लगा पुनर्वास के लिए सही मुआवजा दिया जाना चाहिए.
डीएमके ने की सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल मणिपुर भेजने की मांग
बैठक में शामिल DMK सांसद तिरुचि शिवा ने कहा, “हमने मणिपुर को लेकर अपनी चिंताएं रखी हैं. 100 लोग मारे गए हैं और करीब 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं. इस पर सबसे दुखद यह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द तक नहीं कहा. वहां की स्थिति का अच्छे से पता लगाने के लिए एक सर्वदलीय दल को मणिपुर भेजना चाहिए. गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है.”
आरजेडी ने भी की मुख्यमंत्री बदलने की मांग
बैठक के बाद RJD सांसद मनोज झा ने बताया कि, “खुले मन से बात हुई हम सबने अपनी राय रखी. वहां की राजनीतिक नेतृत्व में (लोगों का) अविश्वास है और यह बात सारे विपक्षी दलों ने रखी. हमने कहा कि जो इंसान (मुख्यमंत्री बीरेन सिंह) प्रशासन चला रहा है उसमें कोई विश्वास नहीं है. अगर आपको शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के रहते नहीं कर सकते.”
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