आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान का एक और खौफनाक कारनामा सामने आया है. पिछले महीने (29 दिसंबर) को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर यूरेनियम की एक खेप जब्त की गई थी. द सन की रिपोर्ट के अनुसार, ये अघोषित परमाणु सामग्री, जिसका इस्तेमाल डर्टी बम में किया जा सकता है, शक है कि ब्रिटेन में एक ईरानी नागरिकों के लिए पाकिस्तान से भेजी गई थी. पैकेज ओमान से एक विमान पर आया था और इसे सामान्य स्क्रीनिंग के दौरान पकड़ा गया था क्योंकि इसे एक माल शेड में ले जाया जा रहा था.
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एक ईरानी फर्म पर है शक
ब्रिटेन की आतंकवाद-रोधी पुलिस और सुरक्षा एजेंसिया इस मामले में जांच कर इसमें शामिल सभी लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. जांच से जुड़े एक सूत्र के हवाले से द सन का कहा है कि , “यूरेनियम भेजने की इस घटना में शामिल सभी लोगों का पता लगाने जल्द से जल्द लगाने की कोशिश जारी है.” अधिकारी 29 दिसंबर 2022 को जब्त किये गए इस पैकेज के मालिक का पता लगाने की कोशिश कर रही है. सूत्रों का कहना है कि ब्रिटेन पुलिस की जांच एक ईरान फर्म तक पहुंची है . वैसे फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि उनका मानना है कि उन्होंने जनता के लिए तत्काल खतरे को रोक दिया है.
पाकिस्तान से परमाणु सामग्री की तस्करी को लेकर बढ़ी चिंता
यूरेनियम के शिपमेंट के पकड़े जाने से इस बात की चिंता बढ़ गई है कि कहीं पाकिस्तान परमाणु सामग्री की तस्करी के लिए एक प्रमुख देश तो नहीं बन गया है. आपको बता दें यूरेनियम एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला तत्व है जिसका उपयोग एक बार सेंट्रीफ्यूज प्रक्रिया से गुजरने के बाद परमाणु संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना ने पाकिस्तान में परमाणु सामग्री के प्रबंधन को लेकर भी चिंता पैदा कर दी है.
पहले भी परमाणु सामग्री और तकनीक को लेकर पाकिस्तान का नाम सामने आया है
परमाणु सामग्री और तकनीक को तस्करी के मामले में पहले भी पाकिस्तान नाम सामने आता रहा है. पहले भी परमाणु तकनीक और सामग्रियों के अवैध प्रसार की कई घटनाओं की सूचना मिली है.
2004 में तो दुनिया यह जानकर चौंक गई कि पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक अब्दुल कादिर खान एक दशक से भी अधिक समय से परमाणु तकनीक का काला बाजारी कर रहे थे. वह ईरान, लीबिया, और उत्तर कोरिया जैसे देशों को ये परमाणु सीक्रेट बेच रहे थे.