दिल्ली एनसीआर में दीवाली Diwali पर पटाखे फोड़ने और उससे बढ़ते पोलूशन को लेकर चिंता के बीच इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने अपने
इस फैसले को पोलूशन और सेलिब्रेशन के बीच का रास्ता बताया था.
लेकिन अपोलो अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. एस चटर्जी ऐसा नहीं मानते, उनका कहना है कि हरित पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में केवल 30 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलाते हैं और इनसे स्वास्थ्य संबंधी खतरे बने रहते हैं, खासकर श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए.
ऐसा नहीं है कि ग्रीन पटाखे प्रदूषण मुक्त हैं- डॉ. एस चटर्जी
समाचार एजेंसी एएनआई ने चटर्जी के हवाले से कहा, “दिल्ली में पहले पटाखों पर प्रतिबंध था. हालाँकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. ऐसा नहीं है कि ग्रीन पटाखे प्रदूषण मुक्त हैं. इनका एकमात्र लाभ यह है कि ये पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलाते हैं. इनके छोटे आकार के कारण, ये कम हानिकारक होते हैं, क्योंकि ये कम कण उत्सर्जित करते हैं, और इनका कच्चा माल पारंपरिक पटाखों में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की तुलना में कम खतरनाक होता है.”
डॉक्टर ने लोगों से ग्रीन पटाखे भी नहीं जलाने की अपील की
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, उन्होंने सभी से पटाखों, यहाँ तक कि हरित पटाखों का भी, इस्तेमाल न करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे प्रदूषण और बढ़ेगा और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित रोगियों सहित आम जनता को दिवाली के बाद और अधिक परेशानी हो सकती है.
उन्होंने आगे कहा, “यह अत्यधिक उचित है कि इसका उचित नियमन किया जाए और हरित पटाखों का भी इस्तेमाल न किया जाए.”
कई शर्तों के साथ दी है सुप्रीम कोर्ट ने दी Diwali पर पटाखे जलाने की अनुमति
दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति देने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह छूट ‘परीक्षण के आधार पर’ दी गई है और सख्त प्रवर्तन और पर्यावरण निगरानी के अधीन है.
दिवाली से एक दिन पहले और त्यौहार के दिन हरित पटाखों का उपयोग सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक ही सीमित रहेगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बुधवार को अधिकारियों के हवाले से बताया कि दिल्ली पुलिस सहित कई एजेंसियों की गश्ती टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि केवल नीरी और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) द्वारा अनुमोदित क्यूआर कोड वाले हरे पटाखे ही निर्धारित दिनों और समय के दौरान फोड़े जाएं.
शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस को अस्थायी बिक्री लाइसेंस आवेदनों पर दो दिनों के भीतर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है ताकि समय पर तैयारी सुनिश्चित हो सके. अधिकारियों ने बताया कि दिवाली के बाद, खुदरा विक्रेताओं को बिना बिके स्टॉक को वापस करने या सुरक्षित रूप से निपटाने के लिए दो दिन का समय दिया जाएगा, ताकि प्रतिबंध तुरंत बहाल हो सकें.
राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 140 PESO-प्रमाणित खुदरा विक्रेताओं को दिवाली के लिए पटाखे बेचने के अस्थायी लाइसेंस जारी किए जाएँगे.
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