Wednesday, November 12, 2025

RedFort bomb blast victims : कौन थे वो 8 लोग जिन्होने दिल्ली बम धमाके मे गंवाई अपनी जान

- Advertisement -

RedFort bomb blast victims : बीते 10 नवंबर को दिल्ली के लालकिले के बाहर मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में हुए ब्लास्ट ने 8 लोगों की जिंदगियां लील ली. पुलिस ने अभी तक जो आधिकारिक जानकारी दी  है ,उसके मुताबिक इस ब्लास्ट में 8 लोगो के मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी गंभीर रुम में एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं.

RedFort bomb blast victims : पुलिस ने बताये मृतकों के नाम

ब्लास्ट में जिन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है उनके नाम है  –  मोहसिन मलिक, मोहम्मद जुम्मन, नोमान, दिनेश मिश्रा, अशोक कुमार, लोकेश अग्रवाल,  पंकज साहनी और अमन कटारिया . इनमें से ज्यातर पीड़ित वो लोग है जो यहां रोजी-रोटी के लिए ई-रिक्शा या टेक्सी चलाते थे. कुछ लोग इसी इलाके में काम काम करते थे.

मोहसिन मलिक

उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले मोहसिन मलिक यहां ई-रिक्शा चलाते थे. परिवार के मुताबिक घटना वाले दिन वो घटना स्थल से थोड़ी ही दूर खड़े थे. अचानक धमाका हुआ और चारो तरफ आग फैल गई. मोहसिन की पहचान उसके मोबाइल फोन से हुई. घटनास्थल पर उनका मोबाइल फोन गिरा था, पुलिस के कहने पर उनके परिजन जब एलनजेपी अस्पताल पहुंचे तब उन्हें पता चला कि मोहसिन की मौके पर ही मौत हो चुकी है. अब मोहसिन के परिवार वाले पूछ रहे हैं कि उनके लिए कौन कमा कर लायेगा, कौन परिवार की देखभाल करेगा.

समाचार एजेंसी ANI  से मोहसिन की मां साजिदा ने कहा कि  ”हमें जब न्यूज़ चैनलों पर घटना के बारे में पता चला.. मेरी बेटी और दूसरे कुछ लोग एलएनजेपी अस्पताल गए.वहां जाने पर पता चला कि उसकी मौत हो गई है. वो केवल 28 साल का था. उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. अब कौन उनकी देखभाल करेगा.”

 मोहम्मद जुम्मन

39 साल के मोहम्मद जुम्मन मूल रुप से बिहार के रहने वाले थे और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में ई-रिक्शा चलाते थे.  परिवार वालों का कहना है कि जब वो अपने भाई को ढ़ूंढते हुए एनएनजेपी अस्पताल पहुंचे तो वहां के हालात विभत्स थे.मॉर्चरी में छत-विक्षत लाशें पड़ी थी. जुम्मन को भी चेहरे से पहचानना मुश्किल था. उन्हें परिजानों ने उसके कपड़े से पहचाना.  जुम्मन अपने पीछे 5 बच्चों और पत्नी को छोड़ गये है. अब पत्नी और बच्चे गहरे सदमे में हैं.

नोमान

22 साल के नोमान उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले थे. वो क़ॉस्मेटिक की दुकान चलाते थे. अपनी दुकान के लिए समान लेने दिल्ली आये थे. नोमान के साथ उसका भाई अमन भी था. परिवार का कहना  कि जब नोमाम अपनी गाड़ी पार्किंग में पार्क करके बाहर निकल ही रहे थे तभी धमाका हुआ और दोनो भाई चपेट में आ गये. नोमान की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं अमन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. अमन अभी एनएनजेपी अस्पताल के आईसीयू  भर्ती  है.

दिनेश मिश्रा

35 साल के दिनेश मिश्रा मूल रुप से उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती के रहने वाले थे और चावड़ी बाजार में शादी की कार्ड छापने की दुकान चलाते थे. पिछले 15 सालों से यहीं दिल्ली में ही बसे हुए थे और अपना कारोबार चला रहे थे. परिजनों का कहना है  कि जब बार-बार संपर्क करने पर भी बात नहीं हो पाई तो वो उन्होंने पुलिस से बात की. पुलिस ने उन्हें लोक नायक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भेजा, जहां रात करीब तीन बजे उन्हें बता चल पाया कि दिनेश शर्मा की मौत हो चुकी है. बहुत हंगामे के बाद उन्हें मृतक दिनेश शर्मा की बॉडी मिल पाई.

अशोक कुमार

35 साल के अशोक कुमार डीटीसी में कंडक्टर के तौर पर काम करते थे.  उनके साथ ये हादसा तब  हुआ जब वो अपनी ड्यूटी पूरी करके लौट रहे थे. अशोक उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले थे. अपने पीछे वो पत्नी और तीन बच्चो के छोड़ गये हैं.

लोकेश अग्रवाल

लोकेश अग्रवाल भी उत्तर प्रदेश के अमरोहा के ही रहने वाले थे और अपनी खाद की दुकान चलाते थे. अशोक और लोकेश दोनों दोस्त थे. लोकेश अग्रवाल अशोक कुमार से मिलने ही लाल किले के पास आये थे और दोनो हादस का शिकार हो गये.

  पंकज साहनी

पंकज साहनी बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले थे. मात्र 22 साल की उम्र वो अपने परिवार के भरण पोषण के लिए दिल्ली में टैक्सी चलाने का काम करते थे. जिस समय वो हादसे का शिकार हुए ,वो टैक्सी में लालकिला रोड से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहे थे.

अमन कटारिया

34 साल के अमर कटारिया दिल्ली के ही रहने वाले थे. लालक़िले के इलाक़े में उनका फ़ार्मा का बिज़नेस था, जिसे वो खुद चलाते थे. अमन के पिता का कहना है कि हादसा तब हुआ जब वो अपने काम से वापस घर की तरफ लौट रहे थे.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news