Tuesday, October 14, 2025

अखिलेश यादव का Facebook अकाउंट ब्लॉक और बहाल होने में मोदी सरकार की भूमिका से इनकार, जानिए आखिर क्या है पूरा मामला?

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केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के आधिकारिक फेसबुक Facebook अकाउंट को ब्लॉक करने में केंद्र सरकार की किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए कहा कि मेटा ने “अपनी नीतियों के अनुसार इसे ब्लॉक किया”.
दरअसल शुक्रवार को अखिलेश यादव का फेसबुक पेज ब्लॉक हो गया जिसके बाद हंगामा मच गया कि सरकार ने उनका पेज ब्लॉक कराया है.
हलांकि जब शुक्रवार को निलंबन के बाद उनका पेज बहाल हुआ तो यादव ने शनिवार सुबह अपने फेसबुक अकाउंट पर स्वतंत्रता सेनानी और कार्यकर्ता जयप्रकाश नारायण की जयंती के उपलक्ष्य में उनका एक उद्धरण पोस्ट किया.
यादव की पोस्ट में लिखा था, “संपूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है. – जननेता जयप्रकाश नारायण.”

आखिर हुआ क्या?

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का फेसबुक अकाउंट, जिसके 80 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं, शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे बंद कर दिया गया.
अखिलेश यादव अक्सर अपने पेज का इस्तेमाल अपनी राय साझा करने, सरकार की कमियों को उजागर करने और राज्य भर में अपने समर्थकों से बातचीत करने के लिए करते थे.
यादव के फेसबुक पेज को निलंबित किये जाने से विवाद उत्पन्न हो गया, क्योंकि उनकी पार्टी के नेताओं और सहयोगियों ने केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार पर निशाना साधा.

एसपी विधायकों और नेताओं ने लगाई Facebook और सरकार की क्लास

घोसी से सपा के लोकसभा सांसद राजीव रवि ने यादव के अकाउंट को निलंबित किए जाने की निंदा की और एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “फेसबुक द्वारा भारत की संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, माननीय @yadavakhilesh का अकाउंट ब्लॉक करना न केवल निंदनीय है, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी हमला है. अगर यह सत्ताधारी दल के इशारे पर हुआ है, तो यह कायरता की निशानी है.” उन्होंने चेतावनी दी कि समाजवादियों की आवाज़ दबाने की कोशिश एक “गलती” है.
वहीं, सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अघोषित आपातकाल लगा दिया है. पार्टी विधायक पूजा शुक्ला ने भी फेसबुक की आलोचना की और कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने बिना किसी चेतावनी या सूचना के पेज को ब्लॉक करके “अपनी हदें पार करने का दुस्साहस” किया है. शुक्ला ने कहा, “यह कोई साधारण अकाउंट नहीं है – यह अखिलेश यादव जी हैं, लाखों लोगों की आवाज़! फेसबुक को अपनी सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए – वह लोकतंत्र को चुप नहीं करा सकता. समाजवादियों, अब फेसबुक को होश में लाने का समय आ गया है! ऐसा अहंकार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

‘गलत तरीके से फ़्लैग किए गए’ पोस्ट क्या थे?

शनिवार को मीडिया से बात करते हुए, अखिलेश यादव ने कहा कि उनके पोस्ट, जो एक पत्रकार की मौत और बलिया में एक महिला की संदिग्ध मौत से संबंधित थे, गलत तरीके से समस्याग्रस्त के रूप में फ़्लैग किए गए थे.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेटा (फ़ेसबुक) द्वारा अकाउंट सस्पेंड किए जाने (अब बहाल) पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “मुझे पता चला कि मेरा अकाउंट इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि कुछ आपत्तियाँ थीं. मुझे बताया गया कि आपत्ति ‘वयस्क यौन शोषण और हिंसा’ को लेकर थी. जब मुझे पूरी रिपोर्ट मिली, तो उसमें बलिया की एक महिला से जुड़ी पोस्ट थीं, एक पत्रकार की हत्या से जुड़ी पोस्ट थीं… इसमें ग़लत क्या था? हम समझ गए हैं कि जितना ज़मीन पर काम करेंगे, हमारी लड़ाई उतनी ही सफल होगी और इसलिए हम ज़मीन पर ही काम करेंगे…”

केंद्र की ‘कोई भूमिका नहीं’

समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा केंद्र पर लगाए गए आरोपों के बीच, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अकाउंट को ब्लॉक करने में सरकार की “कोई भूमिका” नहीं थी, पीटीआई ने बताया.
वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, “फेसबुक ने कार्रवाई की है; इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है. उनके अकाउंट पर एक बेहद अपमानजनक पोस्ट थी, इसलिए फेसबुक ने अपनी नीति के अनुसार अकाउंट को निलंबित कर दिया। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है.”

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