पटना : जातीय जनगणना के बाद बिहार में राजनीतिक गतिविधियां तेज है. एक तरफ नीतीश कुमार बिहार में आरजेडी के मुस्लिम- यादव ( MY) समीकरण से मुस्लिमों को अपनी ओर खींचने में लगे हैं वहीं आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह किसान नेता Rakesh Tikait के साथ मिलकर किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी करते दिखाई दे रहे हैं. इसका एक नमूना शनिवार को दिखाई दे गया. शनिवार को किसान नेता Rakesh Tikait दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना में बिहार के पूर्व कृषिमंत्री और आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह ने एयरपोर्ट पहुंचकर Rakesh Tikait का स्वागत किया.
बिहार में मंडी कानून लागू करे सरकार – Rakesh Tikait
किसान नेता राकेश टिकैत और बिहार के पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह को एक साथ देखकर पत्रकारों ने इन्हें घेर लिया. पत्रकारों के सवालों के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि वो बिहार में किसानों और सरकार से मुलाकात करने आये हैं. राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार मे भी किसानों को उनकी फसल का न्यनूतम दाम नहीं मिल रहा है.
किसानों को उनकी जमीन की एक चौथाई कीमत भी नहीं मिल रही है – सुधाकर सिंह,पूर्व कृषिमंत्री
इस दौरान एयरपोर्ट पर मौजूद बिहार के पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह से पत्रकारों ने जब सवाल किया कि अब सरकार चौथा कृषि रोड मैप लेकर आ रही है, इससे किसानों को क्या फायदा मिलने वाला है? इसके जवाब में सुधाकर सिंह ने कहा कि हमने भी मीडिया के माध्यम से ही सुना है.पहले चौथे कृषि रोडमैप को पढ़ेंगे उसके बाद ही बता पाएंगे कि इसमें सरकार ने किसानों के लिए क्या-क्या किया है?
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत की बात का समर्थन करते हुए बिहार के पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में सबसे पहले बाजार समिति लागू होनी चाहिए क्योंकि यहां रोजाना हजारों ट्रक धान आते है,लेकिन यहां के किसानों को न्यनूतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिलता है.ये व्यवस्था बंद होनी चाहिये.यहां के किसान फसल पैदा करते हैं. यहां के किसानों को इनकी फसल का उचित मूल्य मिल ना चहिये. बड़ी-बड़ी कंपनियां बिहार से फसल खरीदती है और बाहर जाकर ऊंचे दाम में बेचती है.
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में जमीन के उपयोग को लेकर अपेक्षा थी कि सरकार इसके सबंध में कोई विस्तृत नीति लेकर आयेगी, लेकिन ये अब तक नहीं हुआ. किसानों को कहा गया कि सरकार उनसे जो जमीन लेगी उसे उसकी चार गुनी कीमत मिलेगी लेकिन अभी किसानों को उनकी जमीन के दाम का एक चौथाई भी नहीं मिल रहा है.
किसान नेता राकेश टिकैत के बिहार आगमन और उनके साथ बिहार के पूर्व कृषिमंत्री का आना भी बिहार में एक नई बयार के संकेत दे रहे हैं .