Wednesday, July 2, 2025

बिहार में वोटर लिस्ट जांच को लेकर भाजपा नेता ने दिया बड़ा बयान-बांग्लादेशी घुसपैठियों से जोड़ा विपक्ष के तार

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Voter List Survey Controversy :  बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता सूची के नवीनीकरण को लेकर शुरु किये गये सर्वे को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि संविधान में प्रत्येक दस  साल पर मतदाता सूची में संशोधन का प्रावधान है, इससे किसी को भी दिक्कत क्या है? चुनाव आयोग के द्वारा शुरु किये गये सर्वे को लेकर अजय आलोक ने विपक्षी नेताओं तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और राहुल गांधी और ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी, अखिलेश, ममता और खटाखट बाबा को चुल्ल हो रही है, क्योंकि उनके बांग्लादेशी भाई-बंधुओं के नाम वोटर लिस्ट से कट जाएंगे. अब बीजेपी नेता के इस बयान से प्रदेश की सियासत गर्मा गई है.

Voter List Survey Controversy  : निशाने पर ममता बनर्जी

भाजपा प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल की सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाने साधते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) संसद से पास हो चुके हैं और इन्हें लागू करना अनिवार्य है. उन्होने  ममता बैनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि ‘उन्हें केवल इस लिए दिक्कत हो रही है क्योंकि वोटर लिस्ट से उनके बांग्लादेशी समर्थक बाहर चले जाएंगे. माना जा रहा है कि भाजपा नेता का ये बयान CAA और NRC के मुद्दे क लेकर तीखी बहस को जन्म दे सकता है.

वोटर लिस्ट गहन पुनरीक्षण पर ममता बनर्जी का बयान

दरअसल पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है. ममता ने इसे NRC को पिछले दरवाजे से लागू करने की साजिश करार दिया है.ममता बैनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी की कठपुतली की तरह काम कर रहा है और बिहार में शुरू हुई इस प्रक्रिया का असल निशाना पश्चिम बंगाल है.ममता बैनर्जी ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और आयोग से इसका स्पष्टीकरण मांगा है . उन्होने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये कदम वैध वोटरों का नाम हटाने और अवैध वोटरों को जोड़ने का षड़यंत्र हो सकता है.

दत्तात्रेय होसबोले के बयान पर क्या बोले अजय आलोक?

भाजपा प्रवक्ता ने RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संविधान समीक्षा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि 70 के दशक में आपातकाल के दौरान उस समय संविधान में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े गए, जब पूरा विपक्ष जेल में था. दत्तात्रेय ने इसे बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान बताया था.

अजय आलोक ने सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि “RSS संविधान की समीक्षा की बात कर रहा है, इसमें दिक्कत क्या है? पूरा विपक्ष संसद में मौजूद है, समीक्षा होनी चाहिए ”

बीजेपी प्रवक्ता के इस बयान को राजद नेता तेजस्वी यादव ने आड़े हाथों लिया है और इसे बीजेपी की की विभाजनकारी नीति करार दिया है, वहीं TMC ने इसे अल्पसंख्यकों को डराने की साजिश बता दिया है. विपक्ष को आरोपो के जवाब मे बीजेपी ने कहा कि उनकी पार्टी संवैधानिक प्रक्रियाओं का समर्थन करती है और विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

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