VIP Mukesh Sahni : बिहार विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है और सियासी हलचल तेज हैं. पटना में महागठबंधन की बैठक हुई जिसमें राजद और कांग्रेस समेत गधबंधन में शामिल सभी पार्टियां शामिल हुई लेकिन इस बैठक में एक नाम की खास चर्चा रही. ये नाम है वाईआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी का.
मुकेश सहनी महागठबंधन की बैठक में नहीं पहुंचे बल्कि वो बैठक छोड़कर दिल्ली निकल गये हैं. सहनी के दिल्ली आने बाद बिहार में ये चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि सहनी महागठबंधन छोड कर वापस एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
VIP Mukesh Sahni:मुकेश सहनी ने गठबंधन में मांगे 60 सीट ?
खबर है कि महागठबंधन में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटबारे को लेकर बातचीत चल रही है. वीआईपी पार्टी यानी मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी के लिए 60 सीटों की मांग की है. इसके साथ ही उनकी मांग है कि अगर सरकार बनी तो उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया जाये. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने सहनी की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. हलांकि चुनाव में 10 से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है.
महागठबंधन की बैठक में पहुंचे वीआईपी प्रदेश अध्यक्ष
बुधवार को पटना में तेजस्वी यादव के आह्वान पर बुलाई गई बैठक में पार्टी चीफ मुकेश सहनी की जगह पर उनके बिहार प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे. सहनी बुधवार को तेजस्वी यादव की बुलाई बैठक में भी नहीं पहुंचे थे. इसी बीच जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने सहनी को एनडीए में आने का ऑफर देकर सियासी पारे को बढा दिया है. अब सवाल उठ रहे हैं कि मुकेश सहनी क्या वापस एनडीए में जाना चाहते हैं और अगर जाते भी है तो घाटे के सौदे के लिए क्यों तैयार हो रहे हैं ?
किस गठबंधन मे वीआईपी को होगा अधिक फायदा
सवाल ये है कि मुकेश सहनी को किस गठबंधन में ज्यादा फायदा मिल सकता है. सहनी ने महागठबंधन में 60 सीटें और डिप्टी सीएम के पद की मांगा रखी है.उन्होंने एक रैली में तो यहां तक दावा कर दिया है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव ने उनकी डिमांड स्वीकार भी कर ली है लेकिन अब सहनी ने महागठबंधन से दूरी बना ली है और बैठक से ठीक पहले दिल्ली के लिए निकल गये हैं.
एनडीए गठबंधन में VIP को कितनी सीटें मिलने के हैं आसार ?
वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगर सहनी एनडीए गठबंधन में शामिल होते हैं तो उन्हें 10 सीटें मिल सकती हैं. अब सवाल है कि आखिर सहनी महागठबंधन की ज्यादा सीटें छोड़कर मात्र 10 सीटों के लिए एनडीए में क्यो जाना चाहते हैं. जानकारों के मुताबिक इसका जवाब है – गारंटी
राजनीति के जानकारों का मानना है कि मुकेश सहनी को महागठबंधन के साथ जीत का भरोसा नहीं है, जबकि एनडीए के साथ वो जीत का स्वाद चख चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव वीआईपी एनडीए में रहकर ही लड़ी थी और 4 विधायकों के साथ सहनी मंत्री भी बने थे. वहीं लोकसभा चुनाव के लिए जब महागठबंधन के साथ लड़ने आये तो कुछ हासिल नहीं कर सके. सहनी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी से अपने आप को जोड़कर देख रहे हैं. उनका मानना है कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें ऑफर की थीं, लेकिन उन्होंने केवल तीन सीटों के साथ बीजेपी के साथ डील की और आज वो केंद्र सरकार में मंत्री हैं, जबकि अखिलेश यादव सिर्फ सांसद हैं.