ऑनलाइन गेमिंग के ज़रिए धर्म परिवर्तन के मामले में महाराष्ट्र के मुंब्रा निवासी शाहनवाज खान उर्फ बद्दो की ट्रांजिट रिमांड उत्तर प्रदेश पुलिस को मिल गई है. अब पुलिस उसे गाज़ियाबाद लेकर आएगी.
बद्दो की गाजियाबाद पुलिस को एक कथित ऑनलाइन गेमिंग और धर्मांतरण रैकेट में तलाश थी, उसको मुंब्रा पुलिस स्टेशन से ठाणे कोर्ट ले जाया गया. जहां, शाहनवाज खान को 15 जून तक ट्रांजिट रिमांड दिया गया. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को जिम्मेदारी दी है. उत्तर प्रदेश पुलिस उसे सड़क मार्ग से मुंब्रा, ठाणे से उत्तर प्रदेश लेकर आएगी.
#WATCH महाराष्ट्र: मुंब्रा निवासी शाहनवाज खान उर्फ बद्दो, जिसकी गाजियाबाद पुलिस को एक कथित ऑनलाइन गेमिंग और धर्मांतरण रैकेट में तलाश थी, उसको मुंब्रा पुलिस स्टेशन से ठाणे कोर्ट ले जाया गया। pic.twitter.com/dHnSi9G9w6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2023
3 तरह के ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार की रोक
इस बीच पुणे में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ऑनलइन खेलों को लेकर उठाए सरकार के कदम की जानकारी देते हुए कहा कि, “हमने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर पहली बार एक रूपरेखा तैयार की है, उसमें हम देश में 3 प्रकार के गेम की अनुमति नहीं देंगे. सरकार उन खेलों की अनुमति नहीं देगी जिनमें सट्टेबाजी शामिल है या उपयोगकर्ता के लिए हानिकारक हो सकता है और जिसमें लत लगने का डर शामिल है”
#WATCH हमने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर पहली बार एक रूपरेखा तैयार की है, उसमें हम देश में 3 प्रकार के गेम की अनुमति नहीं देंगे: ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से धर्म परिवर्तन करने के मामले पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, पुणे pic.twitter.com/sIkSsqAXOl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2023
मंत्री ने कहा कि नियमों को अधिसूचित किए जाने की तारीख से 90 दिनों के भीतर स्व-नियामक संगठन का गठन किया जाएगा. जो निकाय अनुमेय खेलों को मंजूरी देंगे.
उन्होंने कहा, “इस बीच, अगले 90 दिनों तक, जबतक हम एसआरओ की प्रतीक्षा करते हैं, सरकार इस पर निर्णय लेगी कि क्या अनुमत है या अनुमेय नहीं है.”
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से 5 से 7 साल तक नौकरियों को खतरा नहीं
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के MoS ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या किसी अन्य तकनीक को उपयोगकर्ताओं को नुकसान पहुंचाने के दृष्टिकोण से विनियमित करेगी.
एआई के विकास से नौकरी छूटने के डर पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नौकरियों को कोई खतरा नहीं होगा, लेकिन यह 5-7 साल बाद हो सकता है.
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