नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन Hemant Soren की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. झारखंड सीएम Hemant Soren को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी किया है, जिसके बाद हेमंत सोरेन Hemant Soren सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.Hemant Soren को सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित उच्च न्यायालय में जाने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी आज न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ में सोरेन की याचिका सुनवाई के लिए आई थी ,जिसपर पीठ ने विचार करने से इनकार कर दिया है.
Hemant Soren ने अपनी याचिका वापस लेने की अर्जी डाली
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से इंकार के बाद सोरेन के वकील मुकुल रोहतगी ने याचिका वापस लेने की मांग की. झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने अपने खिलाफ ED के समन का विरोध करते हुए ये दलील दी थी कि केंद्र सरकार कानून और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके राज्य की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. ये समन राज्य की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का स्पष्ट मामला है. वो एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं. सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अपनी याचिका में मांग की थी कि अदालत मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम 2022 की धारा 50 और 63 को भारत के संविधान के दायरे से बाहर घोषित करने और उनके खिलाफ समन को अवैध और शून्य घोषित करने के लिए उचित निर्देश जारी करें.
मनी लांड्रिंग मामले में ED का Hemant Soren को समन
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हेमंत सोरेन को जांच में शामिल होने के लिए कहा था और एजेंसी के सामने पेश होने का आदेश दिया था लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री उस दिन केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले, जब वो एक मुख्यमंत्री के चौर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए तैयार हैं . जब इस तरह का समन केंद्रीय एजेंसी के आकाओं की मंशा को जाहिर करता है. हेमंत सोरेन ने केंद्रीय एजेंसियों पर आरोप लगाये हुए कहा था कि केंद्र सरकार जानबूझ कर एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना चाहती है .