Kolkata law college ra’pe case : साउथ कोलकाता के लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा के साथ बीते 25 जून को जिस घृणित घटना को अंजाम दिया गया, उसके मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को लेकर कई बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि मनोजीत मिश्रा पर मर्डर की कोशिश, कॉलेज की छात्राओं को धमकी देकर उनका यौन उत्पीड़न करना, उनके वीडियो बनाना और जबरन वसूली समेत कम से कम 5 मामले पुलिस में इस वारदात से पहले से दर्ज हैं.
Kolkata law college ra’pe case के आरोपी की खुली हिस्ट्री
मोनोजीत मिश्रा पर एक छात्र के शरीर में चाकू घोंपने और फिर तीन साल तक लापता रहने का मामला भी दर्ज है. मोनोजीत वर्तमान में कोलाकाता में बतौर क्रिमिनल लॉयर काम भी कर रहा है लेकिन उसे कोलकाता पुलिस कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी.
मोनोजीत मिश्रा की रही है आपराधिक पृष्ठभूमि
लॉ कॉलेज गैंग रेप मामले में नाम आने के बाद मोनोजीत की अगले-पिछले सारे कुकर्मों की पोल खुल रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस आरोपी ने कथित तौर पर मई में एक छात्रा को बहकाया, उसे नशीली चीज पिलाकर उसके साथ गैंग रे’प किया और फिर उसका वीडियो भी बनाया. फिर छात्रा को मुंह ना खोलने की धमकी दी और कहा कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वो उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार करवा देगा.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोनोजीत मिश्रा के खिलाफ जो मामले पुलिस में दर्ज हैं, वो इस प्रकार हैं.
- जुलाई 2019 में मनोजीत पर साउथ कोलकता के लॉ कॉलेज में एक छात्रा के कपड़े फाड़ने का मामला दर्ज हुआ था.
- 2022 मार्च में कोलकाता के ही स्विन्हो लेन में एक महिला से छेड़खानी का मामला दर्ज हुआ है.
- 2019 दिसंबर में मोनोजीत के खिलाफ अपने दोस्त के ही घर से म्यूजिक सिस्टम, परफ्यूम, चश्मा चुराने का मामला दर्ज हुआ.
लड़कियों का तस्वीरें एडिट कर करता था वायरल
छानबीन के दौरान पता चला कि आरोपी मोनोजीत एक आदतन आपराधिक किस्म का व्यक्ति है. वो और उसके गैंग के लड़के मिलकर कॉलेज की लड़कियों की तस्वीरे खींचते और फिर उसे गलत तरीक से एडिट करके वायरल भी करते थे. कॉलेज छात्रों के मुताबिक उसे लड़कियो के वीडियो रिकार्ड करने की भी बुरी आदत थी. इन तस्वीरों और वीडियोज के माध्यम से वो लड़कियों को ना केवल बदनाम करने की धमकी देता बल्कि बात ना मानने पर बदनाम भी करता था.
2013 से शुरु हुआ मोनोजीत के अपराध का सिलसिला
इंडियन एक्सप्रेस ने खबर के मुताबिक मोनोजीत के अपराधों का सिलसिला 2013 में तब शुरु हुआ जब उसने अपने ही लॉ कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के को कथित तौर पर छाती में चाकू घोंप दिया था. हमले के बाद एफआईआर भी दर्ज हुई लेकिन वो कभी पकड़ा नहीं गया. तीन साल तक लापता रहा फिर कोलकाता आ गया.हलांकि कोलकाता पुलिस के मुताबिक उसे गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में वो जमानत पर छूट गया.
2017 में मोनोजीत पर कॉलेज कैम्पस में तोड़फोड़ के आरोप लगे. पुलिस मे रिपोर्ट भी हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
2018 में कालीघाट पुलिस ने भी उसके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया था. कॉलेज के छात्रो के मुताबिक इस घटना का बाद वो कॉलेज कैंपस में कम नजर आने लगा.
मई 2024 के भी मोनोजीत पर कॉलेज के एक गार्ड की पिटाई करने और कॉलेज मे तोड़ फोड़ करने का आरोप लगा था. मामले को जानने वाले लोगों के मुताबिक कॉलेज से पास आउट होने के चार साल बाद भी कॉलेज और कॉलेज की राजनीति पर उसकी पकड़ बनी रही. उसे कॉलेज की जनरल बॉडी की सिफारिश पर एक टेंपरोरी इप्लॉई को तौर पर रख लिया गया. कॉलेज की जनरल बॉडी की अध्यक्षता तृणमूल कांग्रेस के एक एमएलए करते थे. मोनोजीत मिश्रा ने टीएमसी की छात्र शाखा के लिए रिक्रूटर के रूप में भी काम किया.
मोनोजीत से डरते थे कॉलेज के स्टॉफ
लॉ कॉलेज के छात्रों का कहना है कि कैंपस उसका इतना दबदबा था कि कॉलेज के टीचर्स और कर्मचारी भी उससे डरते थे. 2021 में उसे कॉलेज की तृणमूल यूनिट से बाहर कर दिया गया लेकिन कॉलेज के अंदर उसका प्रभाव कम नहीं हुआ.
‘मोनोजीत का अधिकतर समय यूनियन ऑफिस में ही गुजरता था’
कॉलेज प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर मोनोजीत मिश्रा को कॉलेज में नौकरी कैसे मिल गई.कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल का कहना है कि मोनीजीत को कॉलेज की आम सभा की सिफारिश पर एक अस्थायी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था. इसका नेतृत्व तृणमूल विधायक अशोक देब करते हैं.
चौतरफा दवाब के बाद आरोपी मोनोजीत मिश्रा पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है. घटना के तुंरत बाद ही उसे उसके दो साथियो जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी के साथ गिरफ्तार किया गया है. एक गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ्तार किया है. ये चारों आरोपी 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रहैंगे.