गुरुवार को बिहार सरकार की Bihar Reservation नीति को खत्म कर पटना उच्च न्यायालय ने नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया. पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार की सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा 50% से बढ़ाकर 65% किए जाने की अधिसूचना को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद आरजेडी ने मांग की कि सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाए. अब इस मामले में नीतीश सरकार के मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा है.
हम आरक्षण के लिए कानून के दायरे में काम करेंगे- मदन सहनी
बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने आरक्षण बढ़ाने वाली अधिसूचना के रद्द होने पर कहा, “बिहार पहला राज्य है जिसने जाति जनगणना कराई और उसके आधार पर आरक्षण बढ़ाया. हम आज आए हाई कोर्ट के फैसले का संज्ञान लेंगे. सीएम नीतीश कुमार ने लोगों को लाभ पहुंचाने में कभी पीछे नहीं हटे, जैसे पंचायतों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू करना. हमें उन पर भरोसा है और हम आरक्षण के लिए कानून के दायरे में काम करेंगे.”
STORY | Patna HC strikes down Bihar’s quota hike from 50 to 65 pc
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VIDEO | “Bihar is the first state to have conducted a caste census and, on its basis, increased reservation. We will take cognisance of the Supreme Court’s decision that came today.… pic.twitter.com/ovtFERGyzd
— Press Trust of India (@PTI_News) June 20, 2024
Bihar Reservation पर आए इस फैसले को तुरंत ऊपरी अदालत में चुनौती दें नीतीश कुमार-मनोज झा
पटना उच्च न्यायालय द्वारा बिहार में आरक्षण में 50 से 65 प्रतिशत की वृद्धि को रद्द करने पर राजद नेता मनोज झा ने कहा, “हम इसे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं. मैं यह कहना चाहूँगा कि हमें याचिकाकर्ता की सामाजिक पृष्ठभूमि देखनी चाहिए. पर्दे के पीछे से ऐसा करने की कोशिश करने वाले कौन लोग हैं? हम नीतीश कुमार से आग्रह करेंगे कि वे इस फैसले को तुरंत ऊपरी अदालत में चुनौती दें.”
VIDEO | Here’s what RJD leader Manoj Jha (@manojkjhadu) said on Patna High Court striking down Bihar’s quota hike from 50 to 65 per cent.
“We consider it as very unfortunate. I would like to say that we should see the social background of the petitioner. Who are those people… pic.twitter.com/30N2mKGFP8
— Press Trust of India (@PTI_News) June 20, 2024
गुरुवार को बिहार सरकार की आरक्षण नीति को खत्म कर पटना उच्च न्यायालय ने नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया. पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया जिसमें राज्य में सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा 50% से बढ़ाकर 65% किया गया था. 20 जून को पटना हाईकोर्ट ने संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया.