सोमवार को नए नागरिकता संशोधन अधिनियम Citizenship Amendment Act (सीएए) नियम 2024 पर रोक लगाने की मांग करते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
मुस्लिम लीग ने अपनी याचिका में क्या मांग की
याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के विवादित प्रावधानों पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि अधिनियम और नियमों के परिणामस्वरूप मूल्यवान अधिकार सृजित होंगे और केवल कुछ धर्मों से संबंधित व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान “असफल स्थिति” उत्पन्न होगी.
शशी थरुर ने किया मुस्लिम लीग की याचिका का समर्थन
वहीं तिरुवनंतपुरम में CAA लागू होने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ”…मैं इसे नैतिक और संवैधानिक रूप से गलत मानता हूं… मैं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करता हूं और मैं यह कहता हूं कि अगर INDIA गठबंधन और कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो हम बिना किसी संदेह के कानून के इस प्रावधान को वापस ले लेंगे. यह हमारे घोषणापत्र में होगा. हम नागरिकता और राष्ट्र के भविष्य में धर्म को शामिल करने का समर्थन नहीं करेंगे…”
#WATCH तिरुवनंतपुरम, केरल: CAA लागू होने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ”…मैं इसे नैतिक और संवैधानिक रूप से गलत मानता हूं… मैं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करता हूं और मैं यह कहता हूं कि अगर INDIA गठबंधन और… pic.twitter.com/nbSFcXdBOA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2024
सोमवार को केंद्र ने नागरिकता संशोधन नियमों को अधिसूचित किया था
आपको बता दें गृह मंत्रालय ने सोमवार को नागरिकता संशोधन नियमों को अधिसूचित किया था. ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करेंगे. यह नियम हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदायों से संबंधित पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के नागरिकों को नागरिकता देने में सक्षम बनाता है, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले (या) भारत में चले गए थे.