23 जून यानी शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज़ बीएसपी सुप्रीमों ने गुरुवार को एक के बाद एक 4 ट्वीट कर पटना बैठक पर तंज कसा. मायावती ने कहा कि नीतीश कुमार की ये बैठक – ’दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए’
कहावत को दर्शाती है. इसके साथ ही बीएसपी सुप्रीमों ने कहा कि विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए कहा कि, उन्हें जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की कोशिश करनी चाहिए.
मायावती ने ट्वीट में क्या कहा
बीएसपी सुप्रीमों ने चार ट्वीट कर पटना में विपक्षी एकता की बैठक के लिए कहा, “महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास नहीं”
मायावती ने कहा, “बल्कि अब लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियाँ जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में श्री नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ’दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है.”
मायावती ने विपक्षी पार्टियों को नसीहत देते हुए कहा, “वैसे अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखकर इस प्रकार के प्रयास से पहले अगर ये पार्टियाँ, जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की गज़ऱ् से, अपने गिरेबान में झाँककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता. ’मुँह में राम बग़ल में छुरी’ आख़िर कब तक चलेगा?”
मायावती ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को अपना रवैया बदलने की जरूरत है, “यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहाँ अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिन्तित हैं. बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहाँ लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी?”
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