Manipur President’s Rule : पिछले करीब डेढ़ साल से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में आखिरकार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया है. बीते सोमवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्यपाल ने यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की थी.
Manipur President’s Rule : मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन लागू
मणिपुर 3 मई 2023 से जातीय हिंसा की आग में जल रहा था .बीरेन सिंह सरकार लगातार यहां के हालात सुधारने में नाकामयाब नजर आई थी. इसके बाद से विपक्ष लगातार केंद्र से मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहा था. मणिपुर में जारी जातीय हिंसा में पिछले डेढ़ साल में सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.
राज्य में बार बार हिंसा की आग भड़कने से भाजपा के भीतर भी असंतोष की आवाजें उठ रही थी. आखिरकार बाहर विपक्ष औऱ पार्टी के अंदर अपने ही विधायकों की नाराजगी के बाद आखिरकार एन बीरेन सिंह ने दिल्ली में जेपी नड्डा और अमित शाह से मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया था. एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद माना जा रहा था था कि भाजपा आला कमान राज्य में किसी दूसरे विधायक को मुख्यमंत्री पद की कमान देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया.
राष्ट्रपति शासन के दौरान कैसे चलेगी राज्य की व्यवस्था
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य की सारी शक्तियां राज्यपाल के पास आ जाती हैं. विधानसभा का प्रभाव खत्म हो जाता है और राज्य के शासन की जिम्मेदारी राज्यपाल के हाथों में आ जाती है. राज्य में इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए सबसे पहले राज्यपाल राज्य की रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रिमंडल को सौंपते हैं,फिर इस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से सिफारिश की जाती है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर राष्ट्रपति राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्णय देते हैं. राज्य में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए लागू होता है, फिर अगर जरुरत पड़े तो इसे संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी से एक साल तक बढ़ाया जा सकता है.