Monday, July 7, 2025

‘बाल विवाह से मुक्त’ हुआ बिहार के सीतामढ़ी का महादलित इलाका, हर तरफ हो रही तारीफ

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सीतामढ़ी (रिपोर्टर आशुतोष) राज्य में सबसे पहले बिहार के सीतामढ़ी (Sitamarhi) जिला के परिहार प्रखंड अंतर्गत बथुआरा पंचायत के महादलित बस्ती दूबे टोल गांव को “बाल विवाह मुक्त गांव का टैग मिला हैं. जिसका उद्घाटन सुरक्षित बचपन दिवस के पूर्व संध्या पर सीतामढ़ी जिला के अपर पुलिस अधीक्षक ( एएसपी) मनोज राम ने फीता काटकर किया. ग्रामीणों ने बाल विवाह मुक्त गांव के टैग बोर्ड को गांव के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित किया है.

Sitamarhi
Sitamarhi

बाल विवाह की प्रथा को रोकने के प्रयास में राज्य सरकार द्वारा की जा रही निरंतर पहल व नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थपित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन, जिला प्रशासन, सीतामढ़ी पुलिस, ग्राम पंचायत, बाल संरक्षण समिति एवं ग्रामीणों के द्वारा की गई अनूठी पहल से महादलित बस्ती दूबे टोल गांव अब बाल विवाह मुक्त गांव बन चूका है. ग्राम पंचायत के मुखिया धनेश्वर पासवान के द्वारा इस उपलब्धि पर बाल विवाह मुक्त गांव का टैग बोर्ड प्रदान दूबे टोल गांव को किया गया हैं.

Sitamarhi: तीन वर्षो तक निरंतर किए गए प्रयास से यह सफलता मिली

दूबे टोल के ग्रामीण, पंचायत के मुखिया , बचपन बचाओ आंदोलन , बाल संरक्षण समिति के अथक प्रयास की प्रशंसा करते हुए एएसपी मनोज राम ने कहा कि “तीन वर्षो तक निरंतर किए गए प्रयास से यह सफलता मिली हैं प्रशासन के द्वारा सभी के सहयोग से अब इस गांव में एक भी बाल विवाह नहीं होने दिया जाएगा. दूबे टोल गांव बाल विवाह के खिलाफ इस अनूठी पहल से राज्य भर में प्रेरणास्रोत बना हैं.

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पंचायत के मुखिया धनेश्वर पासवान ने बताया कि निरंतर प्रयास से बाल विवाह मुक्त गांव की परिकल्पना साकार हुई हैं. अब हमारा प्रयास हैं कि अपने पंचायत को बाल विवाह मुक्त बनाए ताकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार जी के द्वारा चलाए जा रहे. बाल विवाह के खिलाफ अभियान से बाल विवाह की कुरीतियों का पुर्ण रुप से अंत हो सके. इसमें ग्रामीण एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश स्त्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन का महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा हैं.

बाल संरक्षण समिति के सदस्य चंदन मांझी ने बताया

बाल संरक्षण समिति के सदस्य चंदन मांझी ने बताया कि हमसभी के द्वारा किए गए सार्थक प्रयास को मूर्त रुप मिला हैं निश्चीत रूप से सामुहिक प्रयास से बाल विवाह मुक्त बिहार की परिकल्पना साकार होगी जब कुरीतियों के खिलाफ लोग जागरूक होकर आगे आकर आवाज उठाएंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में बचपन बचाओ आंदोलन के केन्द्रीय वरिष्ठ योजना समन्वयक राकेश कुमार ने ग्रामीणों को इस उपलब्धि पर बधाई दी. मौके पर वॉर्ड सदस्य, आंगनवाड़ी सेविका , राम प्रवेश मांझी, त्रिलोकी मांझी, धर्मेंद्र मांझी, सुरेश मांझी, सहित बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि मुकुंद कुमार चौधरी, शिव शंकर ठाकुर, कृति एवं ग्रामीण शामिल थे.

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