पटना : लैंड फॉर जॉब स्कैम Land For Job Scam में ईडी ने बीते शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके बेटे के करीबी अमित कात्याल को हिरासत में लिया है. बताया गया कि अमित को पूछताछ के लिये दो महीने से ईडी समन भेज रही थी, फिर भी वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हो रहे थे.

Land For Job Scam में कात्याल 2 महीने से बच रहे थे
ईडी का दावा है कि कात्याल करीब 2 महीने से पूछताछ के लिए एजेंसी के समन से बच रहे हैं. ईडी के अधिकारियों ने उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत 10 नवंबर को दिल्ली से हिरासत में ले लिया. ईडी के अनुसार कात्याल राजद प्रमुख के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. ईडी का दावा है कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित लाभार्थी कंपनी है और इसका पंजीकृत कार्यालय दक्षिण दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय भवन है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी करते हैं. ईडी ने जब लालू परिवार के ठिकानों पर छापा मारा था, उसी वक्त अमित कात्याल के ठिकानों पर भी रेड पड़ी थी.
नौकरी के बदले जमीन घोटाला UPA-1 में हुआ था
नौकरी के बदले जमीन घोटाला यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में हुआ था, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न मंडलों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था. इन लोगों ने बदले में अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम कर दी थी. सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत के आधार पर ईडी ने इस मामले में पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज किया था.ईडी ने मार्च में लालू प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों के साथ साथ कात्याल के परिसरों पर भी छापा मारा था.