Tuesday, July 22, 2025

Chaitanya Baghel arrested: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे को ईडी ने शराब मामले में किया गिरफ्तार

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शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार (Chaitanya Baghel arrested) कर लिया. यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है. शुक्रवार सुबह फिर से जांच एजेंसी बघेल परिवार के दुर्ग जिले के भिलाई वाले आवास पर नए सिरे से छापेमारी करने पहुंची थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्ग जिले के भिलाई कस्बे में स्थित बघेल के घर पर, जहाँ पिता-पुत्र दोनों रहते हैं, ईडी ने मामले में नए सबूत मिलने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापा मारा.

हमें लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा है- भूपेश बघेल

बेटे की गिरफ्तारी से पहले ईडी की छापेमारी पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा था, “आज विधानसभा में अडानी का मामला उठना है और उन्हें खुश करने के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने मेरे घर पर ईडी को भेज दिया है. हम डरेंगे नहीं. हम उनके सामने नहीं झुकेंगे. हम लड़ाई लड़ेंगे और ये सत्य की लड़ाई है. वे देश के सभी विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं. ईडी पहले भी मेरे घर आ चुकी है…आज भी आए हैं हम एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे. हमें लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा है.”

Chaitanya Baghel arrested: सुबह छापेमारी करने पहुंची थी ईडी की टीम

सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई, जिनकी शराब घोटाले में जाँच चल रही है. सुबह से ही बघेल के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे, जबकि कुछ पार्टी समर्थक भी जमा थे.
संघीय जाँच एजेंसी ने 10 मार्च को चैतन्य बघेल के खिलाफ भी इसी तरह की छापेमारी की थी.

क्या है Chaitanya Baghel पर आरोप

ईडी ने पहले दावा किया था कि चैतन्य बघेल कथित शराब घोटाले से प्राप्त आय का “प्राप्तकर्ता” होने का संदेह है. ईडी का कहना है कि, इस “घोटाले” के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को “भारी नुकसान” हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में ₹2,100 करोड़ से अधिक भर गए.
इस मामले में, ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को इस जाँच के तहत गिरफ्तार किया था.
ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी.
इस जाँच के तहत अब तक एजेंसी द्वारा विभिन्न आरोपियों की लगभग ₹205 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है. 2024 में, सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में ईडी की पहली ईसीआईआर (एफआईआर) को रद्द कर दिया, जो आयकर विभाग की एक शिकायत पर आधारित थी.

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