बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत लंबित स्वीकृत इकाइयों में से लगभग 98.94% का निर्माण पूरा होने से उत्साहित राज्य के ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) ने बेघर परिवारों के लिए 13.5 लाख अतिरिक्त इकाइयों को मंजूरी देने का अनुरोध किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, केंद्र के ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजे एक नया अनुरोध में मांग की गई है कि केंद्र उन यूनिट को मंजूरी दे जिन्हें कुछ साल पहले किए गए एक सर्वेक्षण में स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्ल्यूएल) में शामिल किया गया था.
13.5 लाख नई इकाइयों को मंजूरी देने का किया अनुरोध
आरडीडी के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा, “हमने 13.5 लाख नई इकाइयों को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को अनुरोध भेजा है और मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. मंजूरी मिलते ही हम इकाइयों का निर्माण शुरू कर देंगे.”
आरडीडी ने 2016-17 से 2023-24 तक पीएमएवाई-जी के तहत स्वीकृत कुल 37 लाख में से 36.64 लाख आवास इकाइयों का निर्माण पूरा कर लिया है.
क्या है PMAY-G
पीएमएवाई-जी एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बेघर या कच्चे मकान वाले लोगों को घर बनाने का काम दिया जाता है. इस योजना की शुरुआत 2015 में इंदिरा आवास योजना की जगह पर की गई थी.
अधिकारियों ने बताया कि 2015-16 से पीएमएवाई-जी के तहत बिहार में 45049.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि स्वीकृत इकाइयां भूमि की उपलब्धता, निर्माण सामग्री की कमी और श्रमिकों की उपलब्धता सहित विभिन्न कारकों के कारण लंबित थीं. साथ ही, बड़ी संख्या में इकाइयां लंबित थीं, क्योंकि लाभार्थी दूसरे राज्यों में चले गए थे और वित्तीय सहायता मिलने के बावजूद इकाइयों को पूरा करने की परवाह नहीं की.
पीएमएवाई-जी के तहत प्रत्येक लाभार्थी को आवास इकाई के लिए 1.30 लाख रुपये मिलते हैं, साथ ही ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत मजदूरी लागत भी मिलती है. योजना के क्रियान्वयन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पीएमएवाई-जी के तहत जिन लाभार्थियों के पास जमीन नहीं थी, उन्हें राज्य सरकार ने जमीन खरीदने के लिए 1 लाख रुपये दिए. इससे लाभार्थियों को बड़े पैमाने पर घर बनाने में मदद मिली.” इससे पहले, राज्य सरकार पीएमएवाई-जी के उन लाभार्थियों को जमीन खरीदने के लिए 60,000 रुपये देती थी, जिनके पास जमीन नहीं थी. पिछले साल इस राशि में संशोधन किया गया था. इस बीच, आरडीडी सचिव पाल ने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए पीएमएवाई-जी इकाइयों का लक्ष्य नहीं भेजा है. उन्होंने कहा, “एक बार यह आ जाए, तो काम मिशन मोड में शुरू हो जाएगा.”
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