राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को क्लाउड सीडिंग cloud seeding के प्रयासों से असफल होने के एक दिन बाद, आईआईटी कानपुर ने कहा कि बुधवार, 29 अक्टूबर को किए जाने वाले प्रयास को “बादलों में अपर्याप्त नमी” के कारण रोक दिया गया है.
cloud seeding के प्रयास विफल रहे, लेकिन ‘मूल्यवान’ सबक दे कर गए
एक आधिकारिक बयान में, आईआईटी कानपुर ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से सही वायुमंडलीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है.
यह बताते हुए कि ये प्रयास क्यों सफल नहीं हुए, आईआईटी कानपुर ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बादलों में नमी का स्तर पर्याप्त नहीं था, हालाँकि इस परीक्षण से बहुमूल्य जानकारी मिली.
“कल बारिश नहीं हो सकी क्योंकि नमी का स्तर लगभग 15 से 20% था, लेकिन इस परीक्षण से बहुमूल्य जानकारी मिली,” संस्थान ने कहा. संस्थान के अनुसार, हालाँकि क्लाउड सीडिंग के प्रयासों से अनुकूल परिणाम नहीं मिले, लेकिन इससे पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रमुख प्रदूषकों में कमी आई.
मंगलवार को सेसना विमान ने वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए बारिश कराने के प्रयास में बुराड़ी और आसपास के इलाकों, मयूर विहार और नोएडा के ऊपर सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड यौगिकों से युक्त 16 फ्लेयर्स (प्रत्येक परीक्षण में आठ) दागे गए.
दूसरा परीक्षण दिन में बाद में बाहरी दिल्ली में किया गया और बादली जैसे इलाकों को कवर किया गया.
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के प्रयास पर कितना खर्च आया?
दिल्ली कैबिनेट ने 7 मई को क्लाउड सीडिंग परियोजना को मंज़ूरी दी, जिसमें पाँच परीक्षणों के लिए ₹3.21 करोड़ आवंटित किए गए – लगभग ₹64 लाख प्रति प्रयास.
आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी में नियोजित, ये परीक्षण पहले मई के अंत और जून की शुरुआत में होने थे, लेकिन दो बार स्थगित हुए: पहला अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के कारण, और फिर क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक मंगलवार को किए गए दोनों परीक्षणों की कुल लागत लगभग 1.28 करोड़ रुपये थी.
cloud seeding पर आप ने कसा तंज
क्लाउड सीडिंग की कोशिश को लेकर दिल्ली की राजनीति भी गर्मा गई है. आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या बारिश के देवता यह स्पष्ट करने के लिए उतरेंगे कि शहर में बारिश होगी या नहीं.
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भाजपा सरकार के उस दिन परीक्षण करने के फैसले पर सवाल उठाया जब आईएमडी ने पहले ही बारिश का अनुमान लगा लिया था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जहाँ पृष्ठभूमि में बॉलीवुड गाना ‘झूठ बोले कौवा काटे’ बज रहा था, सौरभ भारद्वाज ने भाजपा का मज़ाक उड़ाया और सरकार द्वारा किए जा रहे “धोखाधड़ी” के अपने पहले लगाए गए आरोपों को दर्शाते हुए तख्तियाँ दिखाईं.
झूठ बोले कौवा काटे pic.twitter.com/p7VI5zqhVr
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 28, 2025
“क्या भगवान इंद्र यह स्पष्ट करने आएंगे कि यह कृत्रिम बारिश है या प्राकृतिक?”-आप
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “क्या भगवान इंद्र यह स्पष्ट करने आएंगे कि यह कृत्रिम बारिश है या प्राकृतिक?” उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि उन्होंने बारिश हुई है या नहीं, यह देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया था.
बारिश में भी फर्ज़ीवाड़ा 🌧️
Artificial Rain / कृत्रिम वर्षा का कोई नामुनिशान नहीं दिख रहा है । इन्होंने सोचा होगा:
देवता इंद्र करेंगे वर्षा 🌧️
सरकार दिखाएगी खर्चा pic.twitter.com/6IEqDdHhKv— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 28, 2025
पिछली आप सरकार ने पहली बार 2023 की सर्दियों में क्लाउड सीडिंग योजना पेश की थी, लेकिन प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों का हवाला देते हुए इसे आगे नहीं बढ़ा पाई. पिछली सर्दियों में, आप ने फिर से प्रस्तावित कार्यक्रम पेश किया, लेकिन दावा किया कि उसे आवश्यक उड़ान और पर्यावरणीय अनुमतियों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का समर्थन नहीं मिला.
मनजिंदर सिरसा ने पहले भी आप पर “ऐसी योजनाओं के बारे में सिर्फ़ बातें करने” और कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था.

