Chhattisgarh encounter: पुलिस ने मारे गए दो वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) कार्यकर्ताओं की पहचान की

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Naxal attack Bijapur, Courtesy ANI
Naxal attack Bijapur, Courtesy ANI

Chhattisgarh encounter: नारायणपुर मुठभेड़ के एक दिन बाद, पुलिस ने मंगलवार को मारे गए तीन उग्रवादियों में से दो की पहचान क्षेत्र के वरिष्ठ माओवादी कैडर के रूप में की, अधिकारियों ने बताया. मृतक तीसरी महिला की पहचान अभी की जानी बाकी है.

पुलिस को मुठभेड़ में मिली थी एके-47

मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने एक एके-47, एक इंसास राइफल, एक एसएलआर और एक 12 बोर की बन्दूक बरामद की है. नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सोमवार को अभियान चलाया गया.

अबूझमाड़ के जंगलों में है सीपीआई (माओवादी) का डेरा

अबूझमाड़ को ‘अज्ञात पहाड़ी’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि 6,000 वर्ग किलोमीटर लंबे घने जंगल का ब्रिटिश काल से सर्वेक्षण नहीं किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, यह जंगल माओवादी गतिविधियों का केंद्र है और माना जाता है कि सीपीआई (माओवादी) के करीब एक दर्जन वरिष्ठ कैडर अभी भी वहां डेरा डाले हुए हैं. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने पुष्टि की कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में से एक की पहचान दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के सदस्य रूपेश के रूप में हुई है.

Chhattisgarh encounter: मारे गए दोनों माओवादियों के सर पर थे लाखों के इनाम

आईजी ने बताया, “रूपेश डीकेजेडएससी के पश्चिमी उपक्षेत्र का प्रमुख था, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सक्रिय था. वह उसी क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) की कंपनी नंबर-10 का भी प्रभारी था और उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था.” दूसरे माओवादी की पहचान जगदीश के रूप में हुई, जो बालाघाट जिले (मध्य प्रदेश) का निवासी था और सीपीआई (माओवादी) का डिवीजनल कमेटी सदस्य था. जगदीश के सिर पर 16 लाख रुपये का इनाम था.

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