Friday, October 3, 2025

पाकिस्तान में भारतीय हवाई हमलों में जैश प्रमुख Masood Azhar परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए

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आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर Masood Azhar ने कहा है कि उसके 10 परिवार के सदस्य और चार करीबी सहयोगी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमले में मारे गए.
इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवाद से जुड़े नौ स्थलों पर लक्षित हमले शामिल थे, जिनमें बहावलपुर स्थित एक प्रमुख परिसर भी शामिल था.

इस जुल्म ने सारे ज़ब्ते तोड़ दिए हैं अब कोई रहम की उम्मीद न रखे- Masood Azhar

मसूद अजहर ने एक बयान में कहा कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकी संगठन के मुख्यालय बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह पर भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए. अजहर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “इस जुल्म ने सारे ज़ब्ते तोड़ दिए हैं. अब कोई रहम की उम्मीद न रखे,” अजहर ने कहा कि मारे गए लोगों में उसकी बड़ी बहन और उसका पति, उसका भतीजा और उसकी पत्नी और एक भतीजी शामिल हैं. अधिकारियों ने बुधवार को पुष्टि की कि प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मुख्यालयों को निशाना बनाया गया, जिसमें भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों पर रात में हमला किया.

लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़े संगठनों के ठिकानों पर साधा निशाना

भारतीय सेन ने सटीक निशाना साधे. उसके निशेने पर लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने थे जिनमें बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप शामिल थे, जो सभी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे.
अन्य लक्ष्यों में मुर्दिके में मरकज तैयबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में शववाई नाला कैंप शामिल थे, जो सभी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे.
इसके अलावा, कोटली में मक्का राहील शाहिद और सियालकोट में महमूना जोया, जो हिजबुल मुजाहिदीन से संबंधित हैं, को भी निशाना बनाया गया.
नौ लक्ष्यों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित थे.

पहलगाम आतंकी हमले का जवाब है ‘ऑपरेशन सिंदूर’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पारंपरिक रूप से हिंदू महिलाओं द्वारा विवाह के प्रतीक के रूप में पहने जाने वाले लाल सिंदूर का एक प्रतीकात्मक संदर्भ है.
22 अप्रैल को, अपने पति के शव के पास सदमे में बैठी एक हिंदू महिला की हृदय विदारक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दुखद हमले का प्रतीक बन गई, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई.

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