राष्ट्रव्यापी Mock drill के तहत, बुधवार, 7 मई को 244 स्थानों पर एक विशाल भारत मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी.
इस ड्रिल को ऑपरेशन अभ्यास नाम दिया गया है. यह युद्ध अभ्यास पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और बढ़े खतरों, विशेष रूप से हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर किया जा रहा है.
क्या है Mock drill कराने का मकसद
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने संभावित भारत-पाकिस्तान युद्ध परिदृश्य के लिए तैयारियों का परीक्षण करने के लिए अभ्यास का आदेश दिया है.
यह मॉक ड्रिल 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में हवाई हमलों, ब्लैकआउट, निकासी और आपातकालीन बचाव कार्यों का अनुकरण करेगी. इसका लक्ष्य नागरिकों और अधिकारियों को संभावित युद्ध स्थितियों और बाहरी हमलों के लिए तैयार करना है.
मॉक ड्रिल का समय क्या है?
आज मॉक ड्रिल के समय के बारे में सोच रहे लोगों के लिए बता दें वैसे तो इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन सभी प्रमुख अभ्यास 7 मई 2025 को पूरे भारत में शाम 4 बजे शुरू होने की उम्मीद है, स्थानीय प्रशासन के आधार पर इसमें बदलाव हो सकते हैं.
दिल्ली: मॉक ड्रिल शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी.
झांसी (उत्तर प्रदेश): एसएसपी बी मूर्ति के अनुसार, ड्रिल को शाम 4 बजे के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है, जो रिजर्व पुलिस लाइन में हो रही है.
बरेली (यूपी): जिले भर में रात 8 बजे से 8:10 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा. डीएम अविनाश सिंह ने निवासियों से लाइट, इनवर्टर बंद करने और फोन या फ्लैशलाइट का उपयोग करने से बचने का आग्रह किया है.
केरल: आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 14 जिलों में मॉक ड्रिल शाम 4 बजे शुरू होगी.
विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश): कोठा जलारिपेटा में हवाई हमले का अनुकरण शाम 4 बजे शुरू होगा. कोठा जलारिपेटा और ऑक्सीजन टावर्स में शाम 7 बजे ब्लैकआउट हो जाएगा.
देहरादून (उत्तराखंड): शाम 4 बजे, धारा पुलिस चौकी और जिला मजिस्ट्रेट परिसर सहित पांच प्रमुख स्थानों पर सायरन और हूटर बजेंगे.
कलपक्कम (तमिलनाडु): मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में ड्रिल शाम 4 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित की जाएगी.
ये अभ्यास जन जागरूकता बढ़ाने और युद्ध जैसे खतरों के सामने भारत की नागरिक सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. गृह मंत्रालय ने कहा कि यह प्रयास हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) का हिस्सा है.
राष्ट्रीय तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख महानगरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक सभी स्तरों पर सायरन, ब्लैकआउट और निकासी प्रोटोकॉल लागू किए जा रहे हैं.
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