दिल्ली बिहार में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के बिहार कैबिनेट से इस्तीफे से मचे बवाल को सीएम नीतीश कुमार ने ‘आपदा में अवसर’ की तरह लिया है और दलित समुदाय से आने वाले संतोष आनंद की जगह पर (Bihar cabinet expansion) के जरिये एक ऐसे नेता को मंत्री को पद पर लाने का फैसला किया है जो ना केवल महादलित समुदाय से आते हैं बल्कि उनके संघर्ष की कहानी भी बहुत कठिन है.
16 जून को Bihar cabinet expansion
23 जून को विपक्षी दलों की बैठक से पहले अपनी सरकार को मजबूत स्थिति में बनाये रखने के लिए सीएम नीतीश कुमार 16 जून को मंत्रिमंडल का विस्तार कर रहे हैं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस विस्तार कार्यक्रम में सहरसा के जदयू विधायक रत्नेश सदा को संतोष सुमन की जगह मंत्री बनाया जायेगा.
कौन हैं रत्नेश सदा ?
बिहार की राजनीति में अभी तक जीतन राम मांझी महादलित समुदाय से आने वाले एक मात्र बड़े नेता माने जाते रहे हैं. यही वजह है कि हम पार्टी के समर्थन से चल रही नीतीश सरकार में मांझी की तूती बोलती थी लेकिन अब नीतीश कुमार ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन की जगह पर महादलित समुदाय से ही आने वाले जूझारू नेता रत्नेश सदा को मंत्री बनाने का फैसला किया है. ऐसे में जाहिर है कि ये सवाल उठता है कि आकिर रत्नेश सदा है कौन, औऱ आखिर किस खासियत की वजह से इन्हें सरकार में इतना महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल रहा है ?
रत्नेश सदा बिहार के सहरसा जिले के सनबरसा विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू से विधायक हैं. रत्नेश सदा के यहां तक पहुंचने का सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है. महादलित समुदाय से आने वाले रत्नेश सदा कभी रिक्शा चलाते थे. 1987 से राजनीतिक गतिविधियों में लगे. 2010 मे पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा औऱ सहरसा के सोनबरसा सुरक्षित सीट से जदयू के टिकट पर विधायक चुने गये. अपने परिश्रम के बल पर रत्नेश सदा आज इस जगह पर पहुंचे है . कभी सोनबरसा में रिक्शा चलाने वाले रत्नेश सदा अब बिहार विधानसभा में मंत्रालय चलायेंगे.
बेहद गरीब परिवार से आते हैं रत्नेश सदा
रत्नेश सदा महिषी थाना क्षेत्र के बलिया सिमर गांव के रहने वाले हैं .इनका प्रारंभिक जीवन काफी दिक्कतों भरा रहा है. पिता लक्ष्मी सदा परिवार के भरण पोषण के लिए मजदूरी का काम किया करते थे. फिर चुनावी राजनीति में आने के बाद रत्नेश सदा के परिवार की स्थिति सुधरी और आज करोड़ो की संपत्ति के मालिक हैं.
रत्नेश सदा के पास 1.30 करोड़ की संपत्ति
रत्नेश सदा ने अपने चुनावी हलफनामें में जो जानकारी दी है उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की है और उनके पास कुल मिलाकर एक करोड़ 30 लाख की संपत्ति है.खास बात ये है कि रत्नेश सदा की छवि एक साफ सुथरे नेता की है. उनपर अब तक एक भी केस दर्ज नहीं है . रत्नेश सदा ने लगातार तीन बार सनबरास सुरक्षित सीट से विधानसभा चुनाव जीता है. माजा जाता है कि रत्नेश सदा की महादलित समुदाय के बीच अच्छी पकड़ है साथ ही सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी भी माने जाते हैं.