लखनऊ : मथुरा की शाही ईदगाह का मस्जिद Shahi Idgah Mosque में सर्वे पर रोक बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर अंतरिम रोक अप्रैल तक बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट अप्रैल के पहले हिस्से में सुनवाई करेगा.कोर्ट ने सभी पक्षों से लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है.
Shahi Idgah Mosque मामले में सुनवाई टली
मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई करते हुए,सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते तक टाल दी गई है.शाही ईदगाह के कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी रहेगी. पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्थानीय आयुक्त की नियुक्ति के लिए आवेदन बहुत अस्पष्ट है. आदेश को अगली तारीख तक लागू न करें.न्याय मूर्ति खन्ना ने कहा कि आयोग को क्रियान्वित ना होने दे.अपने आवेदन की प्रार्थना को देखो. मुकदमे में दिए गए कथन के आलोक के एक आयोग में नियुक्त करने के प्रार्थना बहुत स्पष्ट है.आपको एक बहुत विशिष्ट प्रार्थना करनी होगी.आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आप स्थानीय कमीशन किस लिए चाहते हैं. आप सर्वव्यापी आवेदन नहीं कर सकते.
दीपंकर दत्ता भी रहे शामिल
अपने अंतरिम आदेश में पीठ जिसमें दीपंकर दत्ता भी शामिल थे ने कहा कि आयोग को क्रियान्वित नहीं किया जाएगा लेकिन उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मुकदमे की कार्रवाई जारी रह सकती है .शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन द्वारा समिति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी करते हुए शीर्ष अदालत ने दूसरे पक्ष से 23 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा. 14 दिसंबर 2003 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित परिसर के निरीक्षण के लिए आयुक्त की नियुक्ति के लिए हिंदू भक्तों द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया.
मस्जिद में एक हिंदू मंदिर होने का स्पष्ट संकेत
उच्च न्यायालय के न्याय मूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ ने कहा था कि जहां तक आयोग के तौर तरीकों और संरचना का सवाल है.यह न्यायालय ऐसे उद्देश्यों के लिए पक्षों के विद्वान वकील को सुनना उचित समझता है.यह निर्णय देवता भगवान श्री कृष्णा विराजमान और साथ अन्य द्वारा दायर एक आवेदन के जवाब में आया. जिसमें दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान मस्जिद के नीचे है और सच्चाई का पता लगाने के लिए एक आयोग की नियुक्ति आवश्यक है.आवेदन में कहा गया है की मस्जिद में एक हिंदू मंदिर होने का स्पष्ट संकेत है.जिसमें कमल के आकार का स्तंभ और भगवान कृष्ण से जुड़े हिंदू देवता शेषनाग की एक छवि शामिल है