दिल्ली की एक अदालत द्वारा जबरन वसूली के एक मामले में जमानत दिए जाने के कुछ ही देर बाद आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश बाल्यान Naresh Balyan को बुधवार को मकोका के तहत दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया.
बाल्यान को पहली बार 30 नवंबर, 2024 को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऑडियो क्लिप के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसमें कथित तौर पर उनके और एक गैंगस्टर के बीच बातचीत शामिल थी.
कोर्ट ने मकोका के तहत गिरफ्तारी की याचिका को किया था खारिज
एएनआई के अनुसार, उन्हें अदालत से अपराध शाखा कार्यालय ले जाया गया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर आरोपी को राहत प्रदान की. न्यायाधीश ने आरोपी की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया, साथ ही महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत दर्ज एक नए मामले में उसकी गिरफ्तारी की मांग करने वाली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह सुनवाई योग्य नहीं है.
मंगलवार को पुलिस को Naresh Balyan की एक दिन की हिरासत मिली थी
मंगलवार को दिल्ली पुलिस को नरेश बाल्यान की एक दिन की हिरासत मिली थी. दिल्ली पुलिस की ओर से दायर एक अर्जी पर कोर्ट ने यह आदेश पारित किया, जिसमें दिल्ली के उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक की दो दिन की और हिरासत मांगी गई थी.
बाल्यान को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. आप ने उन पर लगे आरोपों को ‘निराधार’ बताया था.
कोर्ट ने बाल्यान की ओर से दायर जमानत अर्जी पर भी पुलिस से जवाब मांगा था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर बुधवार तक जवाब दाखिल करने कहा था. पुलिस ने दावा किया कि जांच के दौरान बालियान ने सहयोग नहीं किया.
पुलिस ने कहा कि “जबरन वसूली सिंडिकेट” में अन्य व्यक्तियों की कथित संलिप्तता के बारे में साजिश का पता लगाने के लिए बालियान से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है.
हालांकि, बालियान के वकील ने गिरफ्तारी को “अवैध” और “राजनीतिक” करार दिया. वकील ने कहा कि गिरफ्तारी के समय आरोपी को गिरफ्तारी के आधार लिखित रूप में नहीं दिए गए थे.
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