उत्तर प्रदेश के संभल Sambhal में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों से विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधिमंडल को मिलने की अनुमति देने और जेल मैनुअल का उल्लंघन करने के आरोप में दो जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
मैनुअल का उल्लंघन के आरोप में 2 जेल अधिकारी निलंबित
महानिदेशक (जेल प्रशासन एवं सुधार सेवाएं) पीवी रामशास्त्री ने बताया कि इन दोनों अधिकारियों की पहचान मुरादाबाद जेल के जेलर विक्रम सिंह यादव और उनके डिप्टी प्रवीण सिंह के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है, क्योंकि वह ग्रुप ए के अधिकारी हैं.
रामशास्त्री ने कहा कि यह कार्रवाई उप महानिरीक्षक (कारागार) कुंतल किशोर द्वारा जांच किए जाने के बाद की गई, जिसमें पाया गया कि मैनुअल का उल्लंघन किया गया है.
सोमवार को समाजवादी पार्टी की एक टीम मिली थी आरोपियों से
सोमवार को पूर्व सांसद एसटी हसन, विधायक नवाब जान खान और चौधरी समरपाल सिंह सहित सपा प्रतिनिधिमंडल ने संभल हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किए गए 27 लोगों से मिलने के लिए मुरादाबाद जेल का दौरा किया. जेल दौरे का एक वीडियो वायरल हुआ. सपा नेताओं ने दावा किया कि आरोपियों की पिटाई की गई और उन्होंने कानूनी मदद का वादा किया.
क्या है Sambhal जामा मस्जिद के सर्वेक्षण से जुड़ा हिंसा मामला
संभल में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके कुछ दिन बाद 19 नवंबर को संभल की सिविल कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद “हरिहर मंदिर” की जगह पर बनाई गई थी. कोर्ट ने मस्जिद के फोटोग्राफिक और वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के लिए मुकदमा दायर किए जाने के दिन ही एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था. यह आदेश एकतरफा पारित किया गया था. मस्जिद प्रबंधन को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और कुछ ही घंटों के भीतर सर्वेक्षण कर लिया गया. मस्जिद समिति को बमुश्किल छह घंटे की सूचना देकर पांच दिन बाद एक और सर्वेक्षण किया गया.
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