प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में सरकार और अदालत भूमाफियाओं पर नकेल कसने में जुटी हुई है. इलाहाबाद हाइकोर्ट (Allahabad High Court) ने उमरपुर नीवां गांव के रिहायशी इलाके में भू-माफिया द्वारा किये गये अवैध कब्जे को 48 घंटे में हटाने का निर्देश दिया है. अदालत (Allahabad High Court) ने कहा अवैध कब्जे की जांच कर हो कानूनी कार्रवाई की जाये.
इलाहाबाद कोर्ट भूमाफियाओं को लेकर हुआ सख्त. प्रयागराज के एक गांव में माफिया द्वारा कब्जाये गये जमीन को खाली करने के लिए दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम pic.twitter.com/WVtO3zWbGW
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) April 27, 2023
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)ने प्रयागराज के मंडलायुक्तऔर एसडीएम सदर को उमरपुर नीवां गांव के रिहायशी प्लाट संख्या 410रकबा 290 वर्गमीटर जमीन पर कुछ लोगों द्वारा जबरन बनाये गए सीमेंटेड रोड और लोहे के गेट को 48 घंटे में हटाने का निर्देश दिया है. अदालत (Allahabad High Court) ने कहा है प्रशासन जमीन कब्जाने के मामले की जांच करे और कानूनी कार्रवाई करे.
आरोप है कि भूमाफिया हसन एखलाक उर्फ रिजवान अहमद और उसके परिवार ने याचिकाकर्ता की जमीन जबर हथिया ली और उसे जान से मारने की धमकी भी दी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मोहम्मद जकी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
याची अधिवक्ता शशिभूषण मिश्र आशीष कुमार मिश्र का कहना है कि याची ने रिहायशी प्लाट खरीदा है ,जिसपर हसन नाम के व्यक्ति ने जबरन कब्जा कर लिया और सड़क बनाकर ग्रामसभा की जमीन बेच रहा है. याची ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. दुबारा शिकायत की तो एस डी एम से जांच रिपोर्ट मांगी गई. जिसमें दो स्वतंत्र गवाहों ने आरोपों की पुष्टि की. रिपोर्ट में कहा विवाद सिविल प्रकृति का है. सिविल वाद दायर करें.याची ने फिर आयुक्त से शिकायत की जिसपर राजस्व अधिकारियों, लेखपाल व धूमनगंज थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर व उमरपुर नीवां चौकी इंचार्ज से जांच कराई गई. अपर सिटी मजिस्ट्रेट ने लोगों के बयान लेकर रिपोर्ट दी, रिपोर्ट में कहा गया कि याची ही विवादित प्लाट का स्वामी है.
विपक्षी का कहना था याची की सहमति से सीमेंटेड सड़क बनाई है,जब कि कोर्ट ने कहा ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है.विपक्षी ने जबरन कब्जा किया है.जिसे हटाया जाए.