पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर बैन के बाद सोशल मीडिया साइट पर #RSSBAN ट्रेंड करने लगा. लोग 4 फरवरी 1948 को छपे “इंडियन एक्सप्रेस” अखबार की तस्वीर के साथ याद दिलाने लगे की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मौत के बाद तबके गृहमंत्री सरदार पटेल ने RSS को नफरत फैलाने वाला संगठन बता बैन कर दिया था.
राजनीतिक दलों ने भी कि RSS बैन की मांग
इतना ही नहीं कांग्रेस, आरजेडी, AIMIM समेत कई पार्टियों के नेताओं ने भी आरएसएस को बैन करने की मांग रखी. कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश का कहना था कि सिर्फ PFI पर बैन क्यों? RSS पर क्यों नहीं? हलांकि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने RSS बैन की मांग तो नहीं कि लेकिन उन्होंने PFI बैन का विरोध करते हुए लिखा “हलांकि मैने PFI के तरीकों का हमेशा विरोध किया है. मैं हमेशा लोकतांत्रिक तरीकों का समर्थक रहा हूं लेकिन फिर भी PFI पर लगे प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है. अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सिर्फ किसी संगठन से जुड़े होने का मतलब ये नहीं कि उसे दोषी मान लिया जाए.”
AIMIM Chief, Asaduddin Owaisi says “PFI ban cannot be supported,” also adds, “Actions of some individuals who commit a crime does not mean that the organisation itself must be banned” pic.twitter.com/218wc81njN
— ANI (@ANI) September 28, 2022
वहीं PFI बैन पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने आरएसएस पर बैन की मांग की उन्होंने कहा कि “PFI की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है. सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है”
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने आरएसएस पर बैन की मांग की उन्होंने कहा कि “PFI की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है. सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है”#PFIBan #PFICrackdown pic.twitter.com/2xuyivdEIH
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लालू यादव के जैसे ही बिहार के नेता और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने भी PFI बैन को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 8 साल से सो क्यों रही थी? कही ये 2024 के लिए सेट किया गया एजेंडा तो नहीं है? पप्पू यादव ने कहा कि अगर आरएसएस हिंदुत्व की बात करें तो ठीक और कोई करें को देश विरोधी कैसे?
बिहार के नेता और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने PFI बैन को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 8 साल से सो क्यों रही थी कही ये 2024 के लिए सेट किया गया एजेंडा तो नहीं है. #PFIBan #PFICrackdown pic.twitter.com/nnfexnjik2
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मुस्लिम मौलानाओं ने किया PFI बैन का स्वागत
वहीं मुस्लिम संगठनों और मौलानाओं ने PFI पर बैन का स्वागत किया उनका कहना था कि ये मांग वो पहले से करते रहे है. उन्होंने कहा कि हम सरकार को पहले भी कह चुकें थे की PFI नौजवानों को बहका रही है.
बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) पर लगाए बैन का स्वागत किया है. मौलाना ने कहा कि वह PFI पर प्रतिबंधित की मांग करते रहे है और आज सरकार ने हमारी बात मान ली है तो हम खुश है.
बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) पर लगाए बैन का स्वागत किया है. मौलाना ने कहा कि वह PFI पर प्रतिबंधित की मांग करते रहे है और आज सरकार ने हमारी बात मान ली है तो हम खुश है.#PFIBan #PFICrackdown pic.twitter.com/HD3po2tdQu
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इसी तरह ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम चेयरमैन मुफ्ती मोहम्मद अशफ़ाक हुसैन क़ादरी ने भी कहा कि हमने 2017-18 में तब के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पीएफआई पर कार्रवाई की मांग की थी. बैन का भी हम स्वागत करते है. हम मांग करते है कि जो दोषी हैं उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई हो और उन्हें सज़ा दी जाए.
ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम चेयरमैन मुफ्ती मोहम्मद अशफ़ाक हुसैन क़ादरी ने कहा कि हमने 2017 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पीएफआई पर कार्रवाई की मांग की थी. हम मांग करते है कि जो दोषी हैं उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई हो और उन्हें सज़ा दी जाए.#PFIBan #PFICrackdown pic.twitter.com/eulMWGSu2E
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मुरादाबाद के सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने भी पीएफआई पर कार्यवाही को लेकर खुशी जताई. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कहा कि पीएफआई सिमी से निकला संगठन है. उसकी विचारधारा आईएसआईएस से मिलती है ऐसे संगठनों को बैन करना ही नहीं इनके संगठन को ध्वस्त कर देना चाहिए.
मुरादाबाद के सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने पीएफआई पर कार्यवाही को लेकर खुशी जताई. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने कहा कि पीएफआई सिमी से निकला संगठन है. उसकी विचारधारा आईएसआईएस से मिलती है ऐसे संगठनों को बैन करना ही नहीं इनके संगठन को ध्वस्त कर देना चाहिए. pic.twitter.com/kSE5GtOEYa
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PFI पर बैन को लेकर कांग्रेस नेताओं ने दिए अलग-अलग बयान
एक तरफ जहां कांग्रेस के नेता ने पीएफआई बैन के बाद आरएसएस बैन की मांग कि वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं का सवाल था कि PFI पर बैन पहले क्यों नहीं लगाया गया.
राजस्थान कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रताप खचरियावास ने कहा कि “अगर आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार कोई कदम उठाएगी तो हम सरकार का विरोध नहीं करेंगे लेकिन उस कदम में सच्चाई और ईमानदारी नजर आनी चाहिए. ये बैन आप पहले कर देते. इसकी डिमांड तो मैं पहले उठा चुका हूं. तो आप इतने दिन क्या कर रहे थे”
इसी तरह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि “ जनता को सुरक्षा चाहिए. अगर इतने दिन से ये हो रहा था तो आप क्या कर रहे थे? ये साल भर में तो पैदा नहीं हुई. क्या सबूत अभी मिले हैं? अगर ये आतंकवादी संस्थाओं से पहले से जुड़ी थी तो आप इतने साल क्या कर रहे थे”
PFI पर बैन को बीजेपी नेताओं ने देशहित में उठाया गया कदम बताया
दिल्ली में बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने भी PFI बैन का स्वागत किया उन्होंने कहा कि समाज से ही PFI पर बैन लगाने की मांग उठी थी.
बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने PFI बैन का स्वागत किया उन्होंने कहा कि समाज से ही PFI पर बैन लगाने की मांग उठी थी. #PFIBan #PFICrackdown pic.twitter.com/prTU86T4t6
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इसी तर्ज पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने भी PFI बैन खुशी जताई और कहा कि PFI लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रच रहा था. वह राष्ट्रविरोधी नीतियों में लिप्त है. धर्म को सुरक्षा कवच बनाकर मुल्क को नुकसान पहुंचाने और देश के सौहार्द को ध्वस्त करने का काम कर रहे था.
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने PFI बैन खुशी जताई और कहा कि PFI लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रच रहा था. वह राष्ट्रविरोधी नीतियों में लिप्त है. धर्म को सुरक्षा कवच बनाकर मुल्क को नुकसान पहुंचाने और देश के सौहार्द को ध्वस्त करने का काम कर रहे था.#PFIBan #PFICrackdown pic.twitter.com/lPWEsGkWBE
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PFI पर बैन के बाद कई शहरों में मनाई गई खुशी
PFI पर बैन के एलान के बाद महाराष्ट्र के पुणे शहर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी MNS के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए जश्न मनाया. कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए स्थानीय लोगों के बीच लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े.
महाराष्ट्र: पुणे में MNS(महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा PFI पर लगाए गए प्रतिबंध का जश्न मनाते हुए स्थानीय लोगों के बीच लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े। pic.twitter.com/1mTSyyQ76b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2022
वहीं नवी मुंबई में पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच PFI के कार्यालय से होर्डिंग हटाए गए.
महाराष्ट्र: पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच नवी मुंबई स्थित PFI के कार्यालय से होर्डिंग हटाए गए। pic.twitter.com/bdaesGaNqJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2022
इसी तरह उत्तर प्रदेश के कानपुर से भी जश्न मनाए जाने की खबर है.
उत्तर प्रदेश: केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल के प्रतिबंध के बाद कानपुर में जश्न मनाया गया। pic.twitter.com/uqw7ewcBDt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2022
वहीं दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में PFI कार्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. ओखला और उसके आस पास के इलाकों में मंगलवार रात से ही धारा 144 लगा दी गई थी.
दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा आज 5 साल के लिए PFI को बैन और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित करने के बाद शाहीन बाग इलाके में PFI कार्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। pic.twitter.com/rpiKEOYK9H
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2022