उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों चर्म सीमा पर है. विपक्षी खेमों में फिर एक बार जोड़-तोड़ का काम शुर हो गया है. हाल ही में अखिलेश की समाजवादी पार्टी से रुखसत ले चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) मुखिया ओपी राजभर अब दूसरे बड़े नेताओं का मुँह ताकने में लगे हुए हैं. खबरें उड़ी थी कि राजभर मायावती की BSP से गठजोड़ कर सकते हैं. लेकिन बहुजन समाज पार्टी से गठजोड़ की इच्छा पर मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने राजभर के मंसूबों पर पानी फेर दिया.
आकाश आनंद ने बिना राजभर का नाम लिए कहा,”यूपी की पूर्व सीएम मायावती के शासन और प्रशासन की हर कोई तारीफ करता है. ऐसे में कुछ अवसरवादी लोग बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं. ऐसे मतलबी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
वैसे राजभर कह चुके हैं कि अब उनके पास शिवपाल के अलावा कई और दलों के साथ जाने के विकल्प हैं. इस बीच बीजेपी की तरफ से राजभर को फिरसे आमंत्रण मिलने की खबरें भी तेज़ थी. लेकिन बीजेपी की तरफ से भी अब राजभर का रस्ता बंद हो गया है.
मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ में साफ शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी (बीजेपी) को किसी की जरूरत नहीं है. बीजेपी मजबूत पार्टी है. यदि फिर भी कोई आना चाहते तो पार्टी उस पर विचार ज़रूर करेगी. ये बात उन्होने बीजेपी में राजभर की वापसी के सवाल पर कही थी.