Saturday, June 7, 2025

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए दोहरी चुनौती: ट्रंप के ट्रेड वॉर और कोविड के बीच संतुलन साधना मुश्किल

- Advertisement -

Global Trade War : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से शुरू हुआ ग्लोबल ट्रेड वॉर एक बार फिर तेज़ हो गया है. इस बार यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सेंट्रल बैंकों के लिए कोविड महामारी से भी बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है. यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ का.

Global trade war : कोविड में नीति आसान थी, ट्रेड वॉर में मुश्किल बढ़ी

गीता गोपीनाथ ने कहा कि जब 2020 में कोविड आया था, तब दुनिया के ज़्यादातर सेंट्रल बैंक एक साथ काम कर रहे थे- ब्याज दरें घटाई गई थीं, राहत पैकेज लाए गए थे लेकिन अब माहौल बंटा हुआ है. अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से बने टैरिफ अलग-अलग देशों को अलग तरह से प्रभावित कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “इस बार चुनौती पहले से बड़ी है. कोविड के दौरान सभी देश एक जैसी दिशा में आगे बढ़ रहे थे, लेकिन अब असमान असर हो रहा है.”

भारत जैसे देशों के लिए दोहरी मुश्किल

अब उभरती अर्थव्यवस्थाएं दोतरफा दबाव में हैं. एक तरफ उन्हें घरेलू मांग को सहारा देने के लिए ब्याज दरें कम करनी पड़ सकती हैं, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में ब्याज दरें ऊंची रहने से डॉलर मज़बूत है, जिससे विदेशी निवेश बाहर जा सकता है. ऐसे में अगर भारत जैसे देश ब्याज दरें घटाते हैं तो उनकी करेंसी पर दबाव आ सकता है. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 6 जून को बैठक है, जिसमें रेपो रेट को 25 से 50 बेसिस प्वाइंट तक कम करने की उम्मीद जताई जा रही है. यह इस साल की लगातार तीसरी कटौती होगी.

वहीं अमेरिका का फेडरल बैंक ट्रंप के दबाव के बावजूद दरें घटाने के मूड में नहीं है. जब तक उसे यह भरोसा नहीं हो जाता कि टैरिफ से महंगाई नहीं बढ़ेगी, वह किसी रेट कट की संभावना नहीं देखता. गोपीनाथ के अनुसार, इससे ग्लोबल वित्तीय माहौल सख्त हो सकता है और विकासशील देशों की नीति सीमित हो सकती है.

OECD की चेतावनी: कैपिटल फ्लाइट और करेंसी पर खतरा

OECD (ऑर्गनाइज़ेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) ने भी अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अगर वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगाया, तो उभरते बाज़ारों से पूंजी बाहर जा सकती है. इससे उन देशों की करेंसी पर दबाव और कर्ज़ लेने की लागत बढ़ सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार, “कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने पूंजी निकासी, करेंसी में गिरावट और कर्ज़ महंगा होने का खतरा है.”

ट्रेड वॉर की अनिश्चितता से उलझन

गीता गोपीनाथ ने कहा कि फिलहाल उभरती अर्थव्यवस्थाएं “धुंध में रास्ता तलाश रही हैं”. अमेरिका-चीन के बीच थोड़े समय के लिए समझौता हुआ था, लेकिन बाद में ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाए कि वह डील का उल्लंघन कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने स्टील और एल्युमिनियम पर डबल टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे तनाव और बढ़ गया.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news