बुधवार को कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि पाकिस्तान को सैन्य जवाब देने के लिए भारत का कोड नाम, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ Operation Sindoor, “शानदार ढंग से चुना गया” था, जबकि उन्होंने यह भी कहा कि सिंदूर का रंग खून से बहुत दूर नहीं था. वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में एक बातचीत में, शशि थरूर ने लोकप्रिय भारतीय मुहावरे ‘खून का बदला खून’ का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इस बार यह “सिंदूर का बदला खून” था.
Operation Sindoor, थरूर ने समझाया सिंदूर का मतलब
सिंदूर का मतलब समझाते हुए थरूर ने कहा, “सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इस बारे में नहीं जानते हैं, तो यह हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं के माथे के बीच में लगाया जाने वाला सिंदूर है. यह व्यापक रूप से प्रचलित है.”
मिंट के अनुसार, उन्होंने कहा, “कुछ गैर-हिंदू भी इसे लगाते हैं, लेकिन ज़्यादातर सजावटी उद्देश्यों के लिए, लेकिन साफ तरीके से कहें तो सिंदूर शादी समारोह के समय लगाया जाता है और उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं.”
अमेरिका में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे है थरूर
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता के बाद थरूर अमेरिका में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करके हमले का जवाब दिया था
थरूर ने पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई का नाम लेते हुए कहा कि भारत उन “क्रूर” आतंकवादियों के प्रति सचेत था, जिन्होंने पुरुषों को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने मार डाला था. कांग्रेस सांसद ने कहा, “जब एक पत्नी चिल्लाई, ‘मुझे भी मार दो’, तो उससे कहा गया, नहीं, तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है.” उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं था कि सिंदूर का रंग सिंदूर की तरह चमकीला लाल है, जो खून के रंग से बहुत दूर नहीं है.
थरूर ने कहा, “उस सिंदूर को वास्तव में 26 भारतीय महिलाओं के माथे से मिटा दिया गया था, 26 मैं हिंदू महिलाओं के माथे से कहना चाहता था, लेकिन उनमें से एक वास्तव में ईसाई थी, लेकिन बाकी सभी के माथे से सिंदूर इन आतंकवादी कार्रवाइयों द्वारा मिटा दिया गया था, और इसलिए हम सबसे पहले सिंदूर मिटाने के उस कृत्य का बदला लेना चाहते थे.”
पाकिस्तान भी ‘आतंकवाद का शिकार’ दावे पर बोले थरूर
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के इस दावे के जवाब में कि इस्लामाबाद भी “आतंकवाद का शिकार” है, थरूर ने सवाल किया कि दोष किस पर होना चाहिए. थरूर ने पूछा, “यह (पाकिस्तानी) प्रतिनिधिमंडल यह कह रहा है कि हम भी आतंकवाद के शिकार हैं, हमने आतंकवाद के कारण भारत से ज़्यादा जानें गँवाई हैं. हम पलटकर कहते हैं- इसमें किसकी गलती है?”
उन्होंने हिलेरी क्लिंटन का हवाला देते हुए कहा, “आप अपने पिछवाड़े में सांप नहीं पाल सकते और उम्मीद नहीं कर सकते कि वे सिर्फ़ आपके पड़ोसियों को ही काटेंगे.”
थरुर का यह जवाब बिलवाला भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के उस बयान के बाद आया है, जो अमेरिका में है, प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि पाकिस्तान भारत से ज़्यादा आतंकवाद का शिकार रहा है.
भारत का प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी सांसदों और थिंक टैंकों को जानकारी देगा
थरूर के नेतृत्व में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों, राजनेताओं और थिंक टैंकों से बातचीत करने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं. प्रतिनिधिमंडल सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के नए दृष्टिकोण और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर किए गए सैन्य हमलों के बारे में जानकारी देगा.
प्रतिनिधिमंडल सीनेट की विदेश संबंध समिति, सदन की विदेश मामलों की समिति और भारत कॉकस के सदस्यों के साथ-साथ वाशिंगटन के प्रमुख थिंक टैंकों से भी मुलाकात कर रहा है.