Umar Khalid Bail: उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत, मौसेरे भाई और बहन की शादी में होंगे शामिल

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Umar Khalid Bail: बुधवार को 4 साल बाद दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में आरोपी उमर खालिद (Umar Khalid) को दिल्ली कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की अंतरिम जमानत दी. कोर्ट ने उमर खालिद को अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. खालिद ने कोर्ट से 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी.

दिसंबर शुरुआत में भी हुई थी Umar Khalid Bail पर सुनवाई

6 दिसंबर, 2024 को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामले में छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा, खालिद सैफी और उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई तीनों पर 2020 के दिल्ली दंगों के सिलसिले में कठोर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने लंबे समय तक जेल में रहने के आधार पर जमानत मांगी थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस चावला और कौर 7 अक्टूबर को खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाले थे, लेकिन बेंच नहीं बैठ पाई. इसके बाद कोर्ट मास्टर ने मामले को 25 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया था. जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस गिरीश कठपालिया ने खालिद की जमानत याचिका पर जवाब मांगते हुए 24 जुलाई को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. हालांकि, लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अगली सुनवाई से पहले अपना जवाब दाखिल करने में विफल रही, जो एक महीने बाद 29 अगस्त को निर्धारित की गई थी. दिसंबर में भी पुलिस ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांग लिया.

14 सितंबर, 2020 को हुई थी उमर खालिद की गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस ने चार साल पहले छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद को फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का मुख्य साजिशकर्ता बताया था. तबसे उमर खालिद बिना किसी सुनवाई या जमानत के तिहाड़ जेल में अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में बंद है. दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र को 14 सितंबर, 2020 को दंगों में कथित भूमिका के लिए कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था, जिसमें 53 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम थे.

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