Teacher Transfer Posting : बिहार में ट्रांसफर की उम्मीद लगाये शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है . पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को अपनी तबादला नीति को और अधिक स्पष्ट करने के लिए कहा है.इसके लिए बिहार सरकार को हाइकोर्ट से तीन सप्ताह यानी 21 दिन का समय मिला है. अब सरकार की तरफ से हलफनामा दायर होने के बाद ही ट्रांसफर पोस्टिंग नीति पर अंतिम फैसला लिया जायेगा.
Teacher Transfer Posting के लिए पॉलिसी लेकर आई थी सरकार
आपको बता दें कि हाल ही में बिहार सरकार शिक्षकों के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी लेकर आई थी, इसमें च्वाइस पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से आवेदन भी लिया जा रहा था. इसी पालिसी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका डाली गई थी. दरअसल सरकार की इस पॉलिसी को विरोध में औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. शिक्षकों का आरोप है कि राज्य सरकार शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.जो नियमावली बनाई गई है और जो प्रक्रिया आवेदन के दौरान हो रही है, उन दोनों में काफी अंतर है.
शिक्षकों क तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इस पालिसी के तहत शिक्षा विभाग ने पुरुषों को 10 सब डिवीजन और महिला को 10 पंचायतों का विकल्प दिया था. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार पर मनमाने तरके से विकल्प देने का आरोप लगाया है .
इस पालिसी के तहत सरकार की तरफ से ये निर्देश दिया गया था कि 22 नवंबर 2024 तक अगर शिक्षक अपने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए विकल्प नहीं देते हैं तो उनका तबादला सरकार अपने हिसाब से करेगी. पटना हाई कोर्ट में शिक्षकों की याचिका पर जस्टिस प्रभात कुमार सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर फिलहाल स्टे लगा दिया है.