बुधवार को उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद का शपथ समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित किया गया. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
उमर अब्दुल्ला, जो दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जो इस पद पर आसीन हुए हैं – उनके दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारूक अब्दुल्ला भी राज्य की कमान संभाल चुकें हैं.
#WATCH उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, AAP नेता संजय सिंह, CPI नेता डी राजा सहित… pic.twitter.com/3CoXSIWVsz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2024
राहुल-प्रियंका समेत इंडिया ब्लॉक के नेता हुए शामिल
इंडिया ब्लॉक के नेता इस कार्यक्रम में पूरी ताकत से शामिल हुए. एसकेआईसीसी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, वामपंथी नेता प्रकाश करात और डी राजा, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी की सुप्रिया सुले शामिल थे. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं.
5 मंत्रियों ने ली शपथ
उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से एनसी विधायक दल का नेता चुना गया है. मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल 2009 से 2014 तक था, जब जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य था. उमर के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों में सकीना इटू, जावेद राणा, सुरिंदर चौधरी, जावेद डार और सतीश शर्मा शामिल हैं.
कांग्रेस क्यों नहीं हुई कैबिनेट में शामिल?
सरकार बनने के साथ ही कांग्रेस और एनसी में मन मुटाव की खबरें भी सामने आई है. ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस दो मंत्री पद चाहती थी लेकिन उमर उन्हें एक ही पद देने को तैयार थे जिसके चलते कांग्रेस ने सरकार को बाहर से ही समर्थन करने का फैसला लिया.
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