नई दिल्ली : AstraZeneca Oxford कोविड 19 की वैक्सिन बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड (AstraZeneca Oxford) ने साइड इफेक्ट के सवालों के बीच अपनी वैक्सिन बाजार से वापस लेने का फैसला किया है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि Covid-19 की इस वैक्सिन को यूरोप के बाजार से कंपनी वापस लेन के क्रम में आगे बढ़ेंगी.
AstraZeneca Oxford ने बताई मांग से ज्यादा आपूर्ति की बात
हालांकि, एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड ने अपनी वैक्सीन वापस लेने की वजह बताते हुए कहा कि कोविड 19 की महामारी के बाद जिस तरह से कोविड वैक्सीन की सप्लाई बाजार में की गई वो जरूरत से ज्यादा हो गई है.इसलिए कंपनी ने वैक्सीन बाजार से वापस लेने का फैसला किया है.
वैक्सिन की डिमांड हुई कम
फर्मा कंपनी एस्ट्रेजेनिका की तरफ से कह गया है कि कोविड 19 के बाद अब बाजार में कई तरह के वैक्सिन आ गये हैं, जिसके कारण बाजार में इसकी डिमांड कम हो गई है. इसलिए एस्ट्राजेनेका वैक्सिन का प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट दोनों पहले ही बंद कर दिया गया है. यूरोपियन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने वैक्सीन वापस लेने के लिए 5 मार्च को आवेदन किया था. ये खबर अब सामने आई है
एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड ने मानी थी साइड इफेक्ट की बात
दरअसल हाल ही में एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की कोर्ट में ये स्वीकार किया था कि उनकी कोरोना वैक्सीन से केवल कुछ मामलों में खून में थक्के बनने और और प्लेटलेट्स कम होने जैसे साइड इफेक्ट देखने के लिए मिल सकते हैं..इसके बाद से पूरी दुनिया खास कर भारत में बवाल मचा हुआ है. भारत में अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, और यहां भी वैक्सिन की जांच की मांग शुरु हो गई है. मांग की जा रही है कि भारत में डाक्टरों का पैनल बनाकर वैक्सि नके साइड इफेक्ट की जांच की जाये.
एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे के बाद सामने आया मामला
हाल ही में ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका AstraZeneca का ये मामला तब सामने आया जब कंपनी ने ब्रिटेन की हाइकोर्ट में माना कि उसकी कोविड-19 की वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनियासिंड्रोम यानी TTS जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clot) लगते हैं या फिर शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है.
सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में बनाई कोविशील्ड
भारत में इस खबर के बाद लोगों मे बैचेनी इसलिए ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि भारत की फर्मा कंपनी सीरम इस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने AstraZeneca Oxford के फार्मूले पर यहां कोविशील्ड के नाम से ये कोविड 19 के लिए वैक्सिन बनाई, जिसे करीब 80 करोड़ से ज्यादा लोगों के लगाया गया है. भारत जैसे विशाल देश में ये दवाई आज भी मिल रही है.